देश के प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी और गांधी जी के निकट सहयोगियों में से एक पंडित गुप्तेश्वर पांडेय की पुण्यतिथि पर बुधवार को वाराणसी में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए. आपको बता दें कि पंडित गुप्तेश्वर पांडेय 1937 में अंतरिम सरकार में बिहार के शाहबाद जिले के भभुआ विधानसभा से विधायक चुने गए थे और आजाद भारत में शाहाबाद जिला बोर्ड के वह प्रथम चेयरमैन बने.
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भारत सरकार के महत्वपूर्ण संकल्प आजादी की 75वीं वर्षगांठ को ‘अमृत महोत्सव’ के रूप में जो मनाया जा रहा है, उसी कड़ी में देश के प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों पर चर्चा और कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं.
आपको बता दें कि स्वतंत्रता सेनानी पंडित गुप्तेश्वर पांडेय का निधन 8 जून, 1987 को हुआ था. बुधवार को उनकी 35 वीं पुण्यतिथि के मौके पर सुबह 8 बजे पौधरोपण कार्यक्रम के अंतर्गत पेड़ लगाए गए. दोपहर में डॉ. केशव पांडेय ग्राम विकास शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान के तत्वाधान में सफाई कर्मचारियों को खादी गमछे से सम्मानित किया गया. शाम 5:30 से ऑनलाइन व्याख्यान आयोजित हुआ जिसमें “राष्ट्रीय आंदोलन और पंडित गुप्तेश्वर पाण्डेय “विषय पर प्रो. दीनानाथ सिंह ने व्याख्यान दिया.
इसके अलावा, पंडित गुप्तेश्वर पांडेय स्मारक निर्माण संघर्ष समिति के बैनर पर श्रद्धांजलि सभा, लंका सिंहद्वार पर आयोजित हुई. इस कार्यक्रम में स्वतंत्रता सेनानी को श्रद्धांजलि देते हुए वक्ताओं ने उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला.
श्रद्धांजलि सभा में मुख्य रूप से डॉ. जयदेव पांडेय, अरुण कुमार हिंदू, आशीर्वाद दूबे, प्रिंस मिश्रा, अनिल सुनील, शुभम, पतंजलि पांडेय, रविशंकर, राहुल नाथ पांडेय, अप्पू दूबे आदि ने विचार रखे और दो मिनट मौन के साथ उस महान विभूति को नमन किया साथ ही उनके नाम पर स्मारक बनाने का संकल्प भी लिया.
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