उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में सोमवार को लगातार तीसरे दिन कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वे-वीडियोग्राफी कार्य संपन्न हुआ. सर्वे खत्म होने के बाद हिंदू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन की ओर से कुएं में शिवलिंग होने का बड़ा दावा किया गया, जिसके बाद वह इसके प्रोटेक्शन की मांग को लेकर कोर्ट पहुंचे. बता दें कि सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर ने वाराणसी के डीएम को जिस स्थान पर कथित तौर पर शिवलिंग मिला है, उस स्थान को तत्काल प्रभाव से सील करने का आदेश दे दिया है.
ADVERTISEMENT
हिंदू पक्ष ने क्या मांग की?
हिंदू पक्ष ने कोर्ट से मांग करते हुए कहा,
“16.5.2022 को कमीशन की कार्रवाई के दौरान मस्जिद कॉम्प्लेक्स के अंदर शिवलिंग पाया गया है. यह बहुत ही महत्वपूर्ण साक्ष्य है, इसलिए सीआरपीएफ कमांडेंट को आदेशित किया जाए कि वह इसे सील कर दें. वाराणसी के डीएम को आदेशित किया जाए कि वह वहां मुसलमानों का प्रवेश वर्जित कर दें. मात्र 20 मुसलमानों को नमाज अदा करने की इजाजत दी जाए और उन्हें वजू करने से भी रोक दिया जाए.”
हिंदू पक्ष
कोर्ट ने दिया यह आदेश-
सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर ने आदेश में कहा, “वाराणसी के डीएम को आदेशित किया जाता है कि जिस स्थान पर शिवलिंग मिला है, उस स्थान को तत्काल प्रभाव से सील कर दें और सील किए गए स्थान पर किसी भी व्यक्ति के प्रवेश को वर्जित किया जाता है.”
आदेश में आगे कहा गया, “डीएम वाराणसी, पुलिस कमिश्नर, पुलिस कमिश्नरेट वाराणसी तथा सीआरपीएफ कमांडेंट वाराणसी को आदेशित किया जाता है कि जिस स्थान को सील किया गया है, उस स्थान को संरक्षित एवं सुरक्षित रखने की पूर्णतः व्यक्तिगत जिम्मेदारी उपरोक्त समस्त अधिकारियों की व्यक्तिगत रूप से मानी जाएगी. इसके पर्यवेक्षण के जिम्मेदारी पुलिस महानिदेशक और मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन की होगी.”
मुस्लिम पक्ष का क्या है दावा?
मीडिया से बातचीत के दौरान मुस्लिम पक्ष के वकील ने कहा, “शिवलिंग नहीं मिला है. सर्वे की कार्रवाई खत्म हो गई है. यह अदालत तय करेगी कि शिवलिंग मिला है या नहीं. प्रतिवादी पक्ष ने कमीशन की कार्रवाई का पूरा सहयोग किया.”
ज्ञानवापी मस्जिद प्रतिष्ठित काशी विश्वनाथ मंदिर के करीब स्थित है. गौरतलब है कि विश्व वैदिक सनातन संघ के पदाधिकारी जितेंद्र सिंह विसेन के नेतृत्व में राखी सिंह तथा अन्य ने अगस्त 2021 में अदालत में एक वाद दायर कर श्रंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन और अन्य देवी-देवताओं के विग्रहों की सुरक्षा की मांग की थी. स्थानीय अदालत मूर्तियों के सामने दैनिक प्रार्थना की अनुमति की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रही है.
ज्ञानवापी के तहखानों में मिले अहम सबूत? जानिए हिंदू पक्ष ने क्या-क्या मिलने का दावा किया
ADVERTISEMENT