उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Government) के दूसरे कार्यकाल में मंत्रियों की नाराजगी तो सामने आ ही रही थी कि अब इस लिस्ट में एक BJP विधायक का नाम भी जुड़ गया है. आपको बता दें कि उन्नाव के सफीपुर से विधायक बंबा लाल दिवाकर का एक पत्र वायरल हो रहा है. इस पत्र में दिवाकर ने एक्जीक्यूटिव इंजीनियर पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं.
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इससे पहले बुधवार को जल शक्ति राज्य मंत्री दिनेश खटिक ने दलित होने के कारण अधिकारियों द्वारा अपनी अनदेखी का आरोप लगाते हुए इस्तीफे की पेशकश की थी. खटिक ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) को संबोधित एक पत्र में इस्तीफा देने की इच्छा जाहिर की. उनका पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.
वहीं, अब बीजेपी विधायक बंबा लाल दिवाकर के वायरल हुए लेटर की जमकर चर्चा की जा रही है. विधायक का लेटर डीएम और सीडीओ के नाम लिखा गया है. इसमें दिवाकर ने एक्जीक्यूटिव इंजीनियर रजनीश चंद्र अनुरागी पर कई आरोप लगाए गए हैं.
विधायक ने कहा कि खराब हुए ट्रांसफॉर्मर की शिकायत करने के लिए उन्होंने एक्जीक्यूटिव इंजीनियर अनुरागी को फोन किया, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया. विधायक के अनुसार जब फोन रिसीव हुआ तब अनुरागी ने उनसे कहा,
“आप मुझे बार-बार क्यों फोन करते हो. आप केवल क्षेत्र की बिजली समस्याओं के लिए विधायक बनाए गए हैं. छोटे-छोटे कामों के लिए आप मुझे फोन करते हो, मैं कोई लाइनमैन हूं.”
रजनीश चंद्र अनुरागी
विधायक दिवाकर ने आरोप लगाते हुए कहा कि अनुरागी ने उनके खिलाफ असंसदीय भाषा का प्रयोग किया है और वह अपने दायित्वों का निर्वहन करने में अक्षम प्रतीत हो रहे हैं. विधायक ने पत्र में मांग करते हुए कहा कि एक्जीक्यूटिव इंजीनियर अनुरागी का ट्रांसफर और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए.
योगी के मंत्री चल रहे नाराज!
आपको दें कि प्रदेश के उपमुख्यमंत्री जो कि राज्य के स्वास्थ्य मंत्री भी हैं, ने जुलाई के शुरू में विभाग में हुए तबादलों पर नाराजगी जाहिर करते हुए आरोप लगाया था कि तबादलों में स्थानांतरण नीति का ठीक से पालन नहीं किया गया. उन्होंने इस सिलसिले में विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद से जवाब भी तलब किया था.
इसी बीच प्रदेश के लोक निर्माण विभाग में हुए तबादलों में गंभीर अनियमितताओं की शिकायत पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेशानुसार बुधवार को पांच वरिष्ठ विभागीय अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया.
हालांकि विभागीय मंत्री जितिन प्रसाद ने इसे भ्रष्टाचार के प्रति सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति का परिणाम बताया. विभाग में हुए तबादलों में अनियमितताओं को लेकर नाराजगी के सवाल पर प्रसाद ने कहा ‘नाराजगी का कोई प्रश्न ही नहीं है.’
मंत्रियों की ‘नाराजगी’ से योगी सरकार के लिए असहज करने वाले हालात बने? विस्तार से जानिए
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