Afzal Ansari News: गाजीपुर के पूर्व बसपा सांसद अफजाल अंसारी 27 जुलाई को जेल से रिहा होकर अपने पैतृक आवास मोहम्मदाबाद फटक पहुंचे. यहां अपने समर्थकों को अफजाल अंसारी ने मौके पर उपस्थित कस्बे के लोगों को संबोधित किया. बता दें कि अफजाल अंसारी को गाजीपुर की MP-MLA कोर्ट से गैंगेस्टर मामले में बीती 29 अप्रैल को 4 साल की सजा हुई थी. इसके चलते उनकी संसद सदस्यता भी समाप्त हो गई थी. इसके खिलाफ अंसारी हाइकोर्ट गए थे, लेकिन वहां उनकी सजा पर रोक नहीं लगायी गई. मगर तीन दिन पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा उनको सशर्त जमानत दे दी गई थी, जिसके बाद गुरुवार शाम को वो जेल से जमानत पर रिहा हुए.
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अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए अफजाल अंसारी ने कहा कि ‘लोगों को खबर मिली होगी, मुझे एक केस में चार साल की सजा हुई और मुझे जेल जाना पड़ा. आज 90 दिन बाद हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद रिहा हुआ हूं. हमारे खिलाफ सारी एजेंसियां लगी हुई हैं. लोगों को झूठे मुकदमे में फंसाकर जेल भेजा जा रहा है.’
29 तारीख साजिश करने वालों की कामयाबी का दिन: अफजाल
उन्होंने आगे कहा, “ये वो परिवार है जो मुल्क की आजादी के लिए लड़ाई लड़ा, कुर्बानियां दीं और आज…इल्जाम है की हमारी इतनी दहशत है कि नाजायज तरीके से हम जनता से अवैध धन वसूलते हैं. इल्जाम है कि हम कमजोर लोगों की जमीन जायदाद को कब्जा कर लेते हैं. हमने और हमारे बाप दादा ने लोगों को बसाया है. हमारे ऊपर उल्टा इल्जाम लगाने वाले वो लोग हैं जो गरीबो का गला घोंटते हैं. 29 तारीख साजिश करने वालों की कामयाबी का दिन था और आज 27 तारीख दुआ करने वालों का दिन है. उनके मंसूबे नाकाम हुए. लड़ाई खत्म नहीं हुई, हमें सुप्रीम कोर्ट जाना है.
‘आजम खान और उनके बेटे के साथ भी इसी तरह के हालात बने थे’
अफजाल अंसारी ने कहा, “आजम खान और उनके बेटे के साथ भी इसी तरह के हालात बने थे. अभी इसी सप्ताह बीजेपी के एक एमपी को सजा हुई है. थाने में घुसकर मारपीट के आरोप में एक साल की सजा हुई ताकि उनकी सदस्यता न रद्द हो और जेल न जाना पड़े. ये जालिम हुकूमत में बैठे लोग चाहें जितना जुल्म ढा लें, कुदरत की ओर से एक विकल्प बन गया है और वो विकल्प इनकी नींद हराम कर चुका है. जो विपक्ष तैयार हुआ है, 24 में किसी भी कीमत पर ये लौटकर आने वाले नहीं हैं.इनकी हुकूमत का खात्मा होना निश्चित है.”
‘आवाज मेरी दबाई नहीं जा सकती’
गाजीपुर के पूर्व बसपा सांसद ने कहा, “लड़ाई लड़ी जाएगी. आवाज मेरी दबाई नहीं जा सकती. अभी मैं सुप्रीम कोर्ट जाऊंगा. महंगाई, भ्रष्टाचार, महिलाओं पर हो रहे अत्याचार पर कोई बात नहीं हो रही है. जाइए मैं भी थका हुआ हूं, परिवार में जाऊंगा, आप अमन और भाईचारे से मोहर्रम का त्योहार मनाइये.”
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