आगरा में पुलिस हिरासत में एक सफाईकर्मी की संदिग्ध मौत के बाद उसके परिवार से मिलने जा रहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को वहां जाने की अनुमति मिल गई है. प्रियंका गांधी अब लखनऊ पुलिस लाइन्स से आगरा के लिए रवाना हो गई हैं. पुलिस ने चार लोगों को आगरा जाने की अनुमति दी है. ऐसे में प्रियंका गांधी, यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, पार्टी नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम और एमएलसी दीपक सिंह आगरा के लिए रवाना हुए हैं.
ADVERTISEMENT
इससे पहले प्रियंका को लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर रोके जाने के बाद हिरासत में ले लिया गया था. उस दौरान लखनऊ पुलिस ने बताया था, ”धारा 144 लागू है…कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी को पुलिस लाइन्स ले जाया जा रहा है. उन्हें आगरा नहीं जाने दिया जाएगा.”
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, मामले में हुई कार्रवाई पर एडीजी आगरा जोन राजीव कृष्णा ने बताया, ”हमने उन सभी 5 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है, जो पूछताछ करने वाली टीम में शामिल थे. एक गैजेटेड ऑफिसर मामले की जांच करेगा. मृतक के परिवार को 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा.”
क्या है मामला?
यह मामला आगरा के जगदीशपुरा थाने से 25 लाख रुपये चुराने के आरोपी व्यक्ति की पुलिस हिरासत में संदिग्ध मौत का है. अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि पूछताछ के दौरान आरोपी की सेहत बिगड़ने लगी और उसकी मौत हो गई.
आगरा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मुनिराज जी. ने बताया कि चोरी के पैसे बरामद करने के लिए मंगलवार की रात आरोपी के आवास की तलाशी ली गई और इस दौरान अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई. उन्होंने बताया कि आरोपी को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत लाया गया घोषित कर दिया.
पुलिस ने बताया कि अरुण नाम के व्यक्ति पर शनिवार की रात थाने के मालखाना (थाने में वह कमरा जहां जब्त की गई वस्तुएं रखी जाती हैं) से नकदी चुराने का आरोप था. वह थाने में सफाईकर्मी का काम करता था.
पुलिस के अनुसार, जांच के दौरान पुलिस ने कई संदिग्धों को पकड़ा, उनमें से अरुण भी एक था, क्योंकि वह मालखाना में जा सकता था, अरुण को मंगलवार को आगरा के ताजगंज इलाके से कस्टडी में लिया गया था, उसने पहचान छुपाने के लिए अपना सिर मुंडा लिया था.
आगरा के एसएसपी ने बताया, ‘‘पुलिस दल चोरी को लेकर विभिन्न संदिग्धों से पूछताछ कर रहा था. मंगलवार की शाम लोहामंडी क्षेत्र निवासी अरुण को पुलिस हिरासत में लिया गया.’’ उन्होंने बताया, ‘‘पूछताछ के दौरान अरुण ने चोरी करना स्वीकार किया और बताया कि चोरी के पैसे उसके घर में रखे हैं.’’
अरुण की ”तबीयत बिगड़ने” और उसकी मौत होने से पहले पुलिस ने उसके घर की तलाशी में 15 लाख रुपये बरामद कर लिए थे. अधिकारी ने कहा कि अरुण के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है और रिपोर्ट के आधार पर समुचित कार्रवाई की जाएगी.
एसएसपी ने बताया कि अरुण के परिवार ने एफआईआर ऐप्लिकेशन दी थी, पुलिस के ऊपर उनका शक है, मामले में एफआईआर दर्ज की जा चुकी है.
(कुमार अभिषेक और भाषा के इनपुट्स के साथ)
एक तरफ प्रियंका को आगरा जाने से रोक रही थी पुलिस, दूसरी तरफ महिला सिपाही लेने लगीं सेल्फी
ADVERTISEMENT