अखिलेश ने शिवपाल के लिए विधानसभा में मांगी आगे की सीट, पर क्यों? जानिए इसकी इनसाइड स्टोरी

कुमार अभिषेक

• 04:45 AM • 14 Sep 2022

UP Political News: समाजवादी पार्टी (सपा) ने विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना को पत्र लिखकर जसवंतनगर विधायक शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) को आगे की सीट देने…

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UP Political News: समाजवादी पार्टी (सपा) ने विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना को पत्र लिखकर जसवंतनगर विधायक शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) को आगे की सीट देने का आग्रह किया है. सपा की तरफ से लिखे गए इस पत्र में शिवपाल यादव को पार्टी का एक नेता बताते हुए उनकी वरिष्ठता के आधार पर आगे की एक सीट आवंटित करने की मांग की गई है.

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दरअसल, तकनीकी रूप से शिवपाल यादव सपा के विधायक ही हैं, लेकिन उन्होंने सपा से अपना नाता लगभग तोड़ लिया है. सपा ने भी पहले उनके लिए आगे सीट दिलाने की कोई कोशिश नहीं की. मगर ऐसा कहा जा रहा है कि शिवपाल के बागी तेवर को और नुकसान की आशंका भांपते हुए सपा ने यह पत्र लिखा है.

इस बीच सवाल यह उठता है कि जब ‘चाचा’ ने बगावत का झंडा बुलंद कर लिया है, तब यह सीट क्यों मांगी गई? पहले ही शिवपाल यादव के लिए पार्टी ने आगे की सीट क्यों नहीं मांगी? क्या शिवपाल यादव के बगावत और यादव महासभा करने, बड़े यादव नेताओं को अपने साथ जोड़ने और समाजवादी पार्टी के खिलाफ अभी से तैयारी में जुटने की वजह से कहीं समाजवादी पार्टी खौफजदा तो नहीं है?

‘सच्चाई’ यह है कि पिछले दिनों यादव समाज की गोलबंदी के लिए यदुकुल पुर्नजागरण मिशन की शुरुआत की गई. इस बार जिस तरीके से शिवपाल यादव समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav News) पर हमलावर हैं, ऐसा पहले कभी नहीं हुआ. अलग दल होने के बावजूद शिवपाल यादव ने एक मर्यादा रखी थी, लेकिन इस बार वह साफ कर चुके हैं कि अब सपा से उनका कोई संबंध नहीं होगा और समाजवादी पार्टी के खिलाफ चुनाव में उनकी पूरी गोलबंदी होगी.

ऐसा कहा जा रहा है कि समाजवादी पार्टी को लगता है कि शिवपाल यादव अगर इस तरह का बीड़ा उठाएंगे, तो सपा को ही नुकसान होगा. इसलिए कहीं ना कहीं शिवपाल यादव के गुस्से को कम करने और पार्टी के संभावित नुकसान को रोकने की यह कवायद दिखाई दे रही है.

समाजवादी पार्टी के भीतर अखिलेश यादव के करीबी नेताओं का मानना है कि सपा ने पहले शिवपाल यादव को आगे की सीट इसलिए नहीं दी थी क्योंकि वह सरकार के खिलाफ सदन के भीतर होने वाले हमलों में हमेशा शांत रहते थे. सीएम योगी के खिलाफ कुछ नहीं बोलते थे, जबकि पार्टी मुख्यमंत्री पर हमलावर हुआ करती थी.

ऐसे में सदन में आगे की सीट पर बैठकर सरकार और योगी के खिलाफ चुप रहने की वजह से उनके मतदाताओं में खराब संदेश जाता था. हालांकि अब जबकि शिवपाल यादव ने सपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. तब नुकसान की आशंका और बढ़ गई है. ऐसे में पार्टी ने अपनी तरफ से विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर एक अलग पार्टी के नेता के तौर पर उन्हें आगे की सीट देने का आग्रह किया है.

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