अखिलेश बोले- कोविशील्ड मामले की हो उच्च स्तरीय न्यायिक जांच, जिम्मेदार लोगों पर चले केस

यूपी तक

01 May 2024 (अपडेटेड: 01 May 2024, 12:34 PM)

कोविशील्ड वैक्सीन के 'साइड इफेक्ट्स' को लेकर उठे विवाद के बीच अखिलेश यादव ने बुधवार को आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ पार्टी ने लोगों की जान जोखिम में डालकर वैक्सीन निर्माता से राजनीतिक चंदा वसूला है और इसकी उच्च स्तरीय न्यायिक जांच की जानी चाहिए.

Akhilesh Yadav (File Photo)

Akhilesh Yadav

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Akhilesh Yadav News: कोविशील्ड वैक्सीन के 'साइड इफेक्ट्स' को लेकर उठे विवाद के बीच समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ पार्टी ने लोगों की जान जोखिम में डालकर वैक्सीन निर्माता से राजनीतिक चंदा वसूला है और इसकी उच्च स्तरीय न्यायिक जांच की जानी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी 'जानलेवा' दवाओं की अनुमति देना किसी की हत्या की साजिश के समान है और इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए.

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अखिलेश यादव ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, 'एक व्यक्ति को दो वैक्सीन के हिसाब से लगभग 80 करोड़ भारतीयों को कोविशील्ड वैक्सीन दी गई है, जिसके बारे में उसका मूल फॉर्मूला बनाने वाली कंपनी ने कहा है कि इससे हृदयघात का खतरा हो सकता है. जिन लोगों ने वैक्सीन के साइड इफेक्ट के कारण अपनों को खोया है या जिन्हें वैक्सीन के दुष्परिणामों की आशंका थी, अब उनका शक और डर सही साबित हुआ है.'

 

 

उन्होंने कहा, 'लोगों की ज़िंदगी से खिलवाड़ करने वालों को जनता कभी माफ नहीं करेगी. ऐसी जानलेवा दवाइयों को अनुमति देना किसी की हत्या के षड्यंत्र के बराबर है और इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर आपराधिक मुकदमा चलना चाहिए.'

उन्होंने भाजपा पर हमला करते हुए कहा,‘‘सत्ताधारी दल ने वैक्सीन बनानेवाली कंपनी से राजनीतिक चंदा वसूलकर जनता की जान की बाज़ी लगायी है। न क़ानून कभी उन्हें माफ़ करेगा, न जनता. इस मामले में सर्वोच्च स्तर पर न्यायिक जांच हो.'  इससे पहले, मंगलवार को सपा नेताओं ने आरोप लगाया था कि भाजपा ने लोगों को 'जबरन' लगाई गई कोविड वैक्सीन के निर्माता से 'कमीशन' लिया.

 

 

मालूम हो कि ब्रिटिश मीडिया द्वारा उद्धत किए गए अदालत ही दस्तावेजों के मुताबिक ब्रिटेन की फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने स्वीकार किया है कि यूरोप में वैक्सजेवरिया और भारत में कोविशील्ड नामक उसकी कोविड-19 वैक्सीन 'बहुत दुर्लभ मामलों' में रक्त के थक्के से संबंधित दुष्प्रभाव पैदा कर सकती है. हालांकि इसका कारण अज्ञात है.

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