UP News: गाजीपुर के अंसारी परिवार के सबसे बड़े नेता अफजाल अंसारी के सियासी भविष्य का फैसला आज होने जा रहा है. इलाहाबाद हाईकोर्ट आज अफजाल अंसारी पर अपना फैसला सुनाने जा रही है. गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट पहले ही अफजाल को कृष्णानंद राय हत्याकांड में दर्ज हुए गैंगस्टर केस में 4 साल की सजा सुना चुकी है. अब देखना ये होगा कि इस मामले में हाईकोर्ट क्या फैसला देता है?
ADVERTISEMENT
कहते हैं कि कभी-कभी कोई तारीख आपकी जिंदगी में बहुत ही अहम किरदार अदा करती है. कुछ ऐसी ही तारीख अफजाल अंसारी की जिंदगी में भी रही है. 29 तारीख एक बार फिर अफजाल अंसारी की जिंदगी में बड़ा बदलाव करने जा रही है. आज की 29 जुलाई या तो अफजाल अंसारी की सियासी ताकत को बढ़ा देगी या फिर सियासी भविष्य को हिला कर रख देगी. आज 29 जुलाई के दिन अफजाल अंसारी पर कोर्ट का अहम फैसला आने वाला है. अगर कोर्ट अफजाल अंसारी को दोषी मानते हुए 2 साल से अधिक की सजा सुनाता है तो एक बार फिर अफजाल अंसारी की सांसदी जाना तय हो जाएगा.
दरअसल 29 तारीख से अफजाल अंसारी का अजीब ही कनेक्शन रहा है. इस दिन अफजाल की जिंदगी में काफी अहम बदलाव हुए हैं और उन्हें काफी कुछ देखना भी पड़ा है.
अफजाल की जिंदगी में 29 तारीख का कनेक्शन
बता दें कि जिस भाजपा विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड केस को लेकर ये पूरा मामला है, उस हत्याकांड को 29 नवंबर 2005 के दिन ही अंजाम दिया गया था. 29 नवंबर को ही कृष्णानंद राय समेत उनके साथ जा रहे लोगों को गोलियां मारी दी गई थी.
इस केस में दर्ज हुए गैंगस्टर केस में जब गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने अफजाल अंसारी को 4 साल की सजा सुनाई, जिससे उनकी लोकसभा सदस्य उस दौरान रद्द हो गई, वह तारीख भी 29 अप्रैल ही थी. 29 तारीख से अफजाल अंसारी की जिंदगी की और एक दर्दनाक याद जुड़ी हुई है. दरअसल बांदा अस्पताल में मौत के बाद जब मुख्तार अंसारी के शव को गाजीपुर लाया गया तो 29 मार्च के दिन ही मुख्तार को सुपुर्द ए खाक किया गया.
अब फिर जब गैंगस्टर एक्ट केस में इलाहाबाद हाईकोर्ट को अपना फैसला सुनाना है तो फिर वही 29 तारीख पड़ी है. बस महीना जुलाई और साल 2024 हो गया.
जब-जब सांसद बने तब-तब जेल जाना पड़ा
अफजाल अंसारी की जिंदगी से एक इत्तेफाक और जुड़ा हुआ है. यूं तो अफजाल अंसारी पांच बार विधायक और तीन बार के सांसद हैं, लेकिन जब-जब अफजाल अंसारी सांसद बने उनको जेल जाना पड़ा. अफजाल अंसारी सबसे पहले साल 2004 में सांसद बने. लेकिन 29 नवंबर 2005 को भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या हो गई और इस केस में साजिश रचने के आरोप में अफजाल को जेल जाना पड़ा.
फिर साल 2009 में अफजाल अंसारी ने बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा. मगर वह चुनाव हार गए. फिर 2014 में वह बलिया चले गए औऱ वहां से कौमी एकता दल के टिकट पर चुनाव लड़ा. मगर वहां से भी चुनाव में हार का सामना करना पड़ा. ऐसे में साल 2019 में सपा-बसपा का गठबंधन हुआ और अफजाल अंसारी बसपा के टिकट पर गाजीपुर से चुनाव लड़े और दूसरी बार सांसद चुने गए. लेकिन दूसरी बार सांसद बनने के 4 साल बाद अप्रैल 2023 में गाजीपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट में 4 साल की सजा सुनाई और अफजाल अंसारी को जेल जाना पड़ा.
अब साल 2024 में वह फिर गाजीपुर से सपा सांसद बने हैं. अब देखना ये होगा कि आज हाईकोर्ट क्या फैसला देती है. इस फैसले को अंसारी परिवार के सबसे बड़े नेता के सियासी भविष्य का फैसला भी माना जा रहा है.
ADVERTISEMENT