UP News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ कथित तौर पर अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में जिला न्यायाधीश एसएस पांडेय ने समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अनुराग भदौरिया की अग्रिम जमानत याचिका बुधवार को खारिज कर दी. उन्होंने अपने आदेश में कहा है, ‘‘अग्रिम जमानत अर्जी में यह नहीं बताया गया है कि इस मामले में उसकी एक याचिका उच्च न्यायालय से खारिज हो चुकी है. अग्रिम जमानत का आधार अप्रर्याप्त है. लिहाजा अर्जी निरस्त की जाती है.”
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अनुराग सिंह भदौरिया पर एक टीवी बहस में मुख्यमंत्री आदित्यनाथ व दिवंगत मंहत अवैधनाथ के विरुद्ध आपत्तिजनक टिप्पणी करने का इल्जाम है. बीते 12 नवंबर को इस मामले की प्राथमिकी भाजपा नेता हीरो वाजपेई ने थाना हजरतगंज में दर्ज कराई थी. महंत अवैद्यनाथ गोरखनाथ मठ के महंत थे.
कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने उपचुनाव में अपने उम्मीदवार नहीं उतारे हैं ऐसे में तीनों स्थानों पर सीधा मुकाबला भाजपा और समाजवादी पार्टी तथा उसकी सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के बीच है.
अनुराग द्वारा दी गई अर्जी में कहा गया है कि वह मुख्यमंत्री पद का दिल से सम्मान करते हैं और दिवंगत महंत अवेधनाथ के अनुयाईयों की भावनाओं की भी कद्र करते हैं. पुलिस इस मामले में बगैर कोई नोटिस दिए गिरफ्तार करना चाहती है. वह बेगुनाह हैं, उन्हें फर्जी तरीके से फंसाया गया है, उनक कोई आपराधिक इतिहास नहीं है. अनुराग की अग्रिम जमानत अर्जी का अभियोजन की ओर से जोरदार विरोध किया। .
फौजदारी के जिला शासकीय अधिवक्ता मनोज त्रिपाठी ने जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कहा, “विवेचना के दौरान वादी को नोटिस देने की कोशिश की गई, लेकिन उसने प्राप्त नहीं किया. वह कई बार बुलाने के बावजूद विवेचक के समक्ष उपस्थित नहीं हो रहा है. विवेचना में सहयोग नहीं कर रहा है. फरार है. उसके विरुद्ध संबधित अदालत से एनबीडब्ल्यू जारी है. इस मामले में उच्च न्यायालय से उसकी याचिका भी खारिज हो चुकी है. उसका एक मुकदमे का आपराधिक इतिहास भी है.”
(भाषा के इनपुट्स के साथ)
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