लखनऊ के इस पुल से मायावती को लग रहा सुरक्षा का खतरा, ग्राउंड रिपोर्ट में जानिए इसकी कहानी

समर्थ श्रीवास्तव

08 Jan 2024 (अपडेटेड: 08 Jan 2024, 09:49 AM)

जिस पुल का जिक्र कर मायावती ने सपा पर निशाना साधा है, वो पुल मॉल एवेन्यू इलाके में है. आइए उस पुल के बारे में विस्तार से जानते हैं.

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भीषण ठंड में आगामी लोकसभा चुनाव 2024 को देखते हुए यूपी की सियासत में एक बार फिर गर्माहट आ गई है. बीएसपी चीफ मायावती ने एक बार फिर सपा पर जमकर हमला बोला है. मायावती ने सपा को दलित विरोधी बताया है. साथ ही उन्होंने इस बार गेस्ट हाउस कांड का जिक्र छेड़ते हुए सपा से खुद पर खतरे का आरोप भी लगाया है. मायावती ने अपने पार्टी ऑफिस के बगल के पुल को खुद की सुरक्षा के लिए खतरा बताया है और साथ ही उन्होंने यूपी सरकार से खुद की सुरक्षा की मांग भी कर डाली है.

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जिस पुल का जिक्र कर मायावती ने सपा पर निशाना साधा है, वो पुल मॉल एवेन्यू इलाके में है. आइए उस पुल के बारे में विस्तार से जानते हैं. 

यूपी तक की टीम उस पुल पर पहुंची जिसे मायावती ने खुद की सुरक्षा के लिए खतरा बताया है और वहां से हमने ग्राउंड रिपोर्ट किया है.

बसपा ऑफिस लखनऊ के मॉल एवेन्यू इलाके में स्थित है. मॉल एवेन्यू ओवर ब्रीज बसपा ऑफिस के सामने है. इस पुल से बसपा ऑफिस साफ दिखता है. बता दें कि यह पुल अखिलेश यादव सरकार में बना है. मायावती का आरोप है कि यह पुल उनकी सुरक्षा में सेंधमारी के उद्देश्य से सपा सरकार में बनाया गया था. यह पुल 2-3 किलोमीटर लंबा है.

आज की तारीख में यह पुल दोनों तरफ से कवर कर दिया गया है. अब यहां कोई व्यक्ति खड़ा होकर भी उस पार नहीं देख सकता है. हालांकि, पुल के दोनों तरफ कवर करने की वजह दुर्घटना को रोकना है. जब अखिलेश सरकार में यह पुल बना था तब उसके दोनों तरफ कवर नहीं किया गया था. तब पुल दोनों तरफ से खुला था.

बता दें कि यह पुल बनरियाबाग, हुसैनगंज को कैंट से जोड़ता है. कैंट जाने के लिए इस पुल को सुगम माना जाता है.

मायावती ने क्या कहा?

सोमवार को मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “सपा के 2 जून 1995 सहित घिनौने कृत्यों को देखते हुए और इनकी सरकार के दौरान जिस प्रकार से अनेकों दलित-विरोधी फैसले लिये गये हैं, जिनमें बीएसपी यूपी स्टेट ऑफिस के पास ऊंचा पुल बनाने का कृत्य भी है, जहां से षड्यन्त्रकारी अराजक तत्व पार्टी दफ्तर, कर्मचारियों व राष्ट्रीय प्रमुख को भी हानि पहुंचा सकते हैं, जिसकी वजह से पार्टी को महापुरुषों की प्रतिमाओं को वहां से हटाकर पार्टी प्रमुख के निवास पर शिफ्ट करना पड़ा है.”

मायावती ने आगे कहा,

“इस असुरक्षा को देखते हुए सुरक्षा सुझाव पर पार्टी प्रमुख को अब पार्टी की अधिकतर बैठकें अपने निवास पर करने को मजबूर होना पड़ रहा है, जबकि पार्टी दफ्तर में होने वाली बड़ी बैठकों में पार्टी प्रमुख के पहुंचने पर वहां पुल पर सुरक्षाकर्मियों की अतिरिक्त तैनाती करनी पड़ती है.”

मायावती ने यूपी सरकार से की ये खास मांग

बसपा चीफ ने यूपी सरकार से एक मांग करते हुए कहा कि ऐसे हालात में बीएसपी यूपी सरकार से वर्तमान पार्टी प्रदेश कार्यालय के स्थान पर अन्यत्र सुरक्षित स्थान पर व्यवस्था करने का भी विशेष अनुरोध करती है. वरना फिर यहां कभी भी कोई अनहोनी हो सकती है.

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