लोकसभा चुनाव-2024 करीब हैं. सभी सियासी दल अपनी-अपनी रणनीतियां बना रहे हैं. इसी बीच उत्तर प्रदेश की सियासत में भीम आर्मी (Bhim Army) प्रमुख चंद्रशेखर आजाद (Chandrashekhar Azad) का नाम चर्चाओं में हैं. चंद्रशेखर आजाद को बहुजन समाज पार्टी (BSP) और मायावती (Mayawati) के लिए एक बड़ी चुनौती के तौर पर देखा जा रहा है. इसी बीच बसपा चीफ और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के भतीजे आकाश आनंद ने यूपीतक के साथ खास बातचीत में भीम आर्मी और चंद्रशेखर आजाद को लेकर प्रतिक्रिया दी है.
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बता दें कि जब आकाश आनंद से पूछा गया कि क्या चंद्रशेखर आजाद और भीम आर्मी आपको चुनौती दिखते हैं? इस सवाल पर आकाश आनंद ने कहा, “कौन, कौन भीम आर्मी”. इसके बाद आकाश आनंद ने जो कहा, उसे भी जान लीजिए.
चंद्रशेखर आजाद और भीम आर्मी को लेकर ये बोले आकाश
मायावती के भतीजे आकाश आनंद ने चंद्रशेखर और भीम आर्मी को लेकर कहा कि, “कौन भीम आर्मी, हम ऐसी किसी चीज को नहीं जानते. ऐसे छोटे-मोटे लोगों के लिए हमारे पास समय नहीं है. हमारी अपनी जनता काफी है. हमारे अपने लोग काफी हैं, जिनका हमें ध्यान रखने की जरूरत है.”
‘I.N.D.I.A. के साथ हम नहीं’
इस दौरान आकाश आनंद से विरोधी दलों की बैठक में बसपा को नहीं बुलाए जाने पर भी सवाल किया गया. इस पर उन्होंने साफ कहा कि बसपा उनके साथ नहीं है. बसपा हमेशा अकेले चुनाव लड़ती आई है और आगे भी हमेशा अकेले चुनाव लड़ेगी.
बता दें कि हाल ही में चंद्रशेखर आजाद से जब पूछा गया था कि अगर उन्हें बसपा और मायावती की तरफ से न्यौता मिलता है, तो क्या वह उनके साथ जाना चाहेंगे? इस पर चंद्रशेखर आजाद ने कहा था कि अगर बहुजन समाज पार्टी मुझें अपने साथ शामिल करना चाहती, तो कब का कर लेती.
इसी के साथ चंद्रशेखर ने बसपा प्रमुख मायावती पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि, “ उन्होंने मायावती से काफी कुछ सीखा है. जैसे एकलव्य ने बिना शिक्षा लिए द्रोणाचार्य से शिक्षा ली थी, उसी तरीके से मैं भी सीखता रहता हूं, क्योंकि उनके करीब आने का मौका ही नहीं मिलता. मेरा तो हमेशा ही प्रयास है कि उनका आशीर्वाद हमें मिले.”
दलित वोट पर नजर
दरअसल सियासी पंडितों का मानना है कि चंद्रशेखर आजाद को लेकर अब बहुजन समाज पार्टी अलर्ट मोड में आ गई है. बसपा का चुनावों में प्रदर्शन लगातार खराब हो रहा है तो दूसरी तरफ चंद्रशेखर की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है. पिछले दिनों सियासी हलकों में इस बात की भी चर्चाएं थी कि बसपा चीफ मायावती अब लखनऊ छोड़ दिल्ली में डेरा जमा चुकी हैं और वहीं से ही सियासी रणनीतियां बना रही हैं. अब देखना ये होगा कि आने वाले लोकसभा चुनावों में दलित वोट किस तरफ जाता है और किसकी रणनीति कितनी कामयाब होती है.
(भोपाल से रवीश का इनपुट)
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