Uttar Pradesh News : महीना जनवरी का चल रहा है पर देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश का राजनीतिक तापमान आसमान छू रहा है. उत्तर प्रदेश की राजनीति में अपना अहम स्थान रखने वाली बहुजन समाज पार्टी के इस नए फैसले से यूपी की सियासत में एक बार फिर हलचल शुरू हो गई है. बता दें कि बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने कुछ दिनों पहले बड़ा एलान करते हुए भतीजे आकाश आनंद (Akash Anand) को अपना उत्तराधिकारी बनाया था. अब आकाश आनंद ने लोकसभा चुनाव से पहले एक नए जंग का एलान किया है.
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आकाश आनंद ने फूंका चुनावी बिगुल
लोकसभा चुनाव से पहले बहुजन समाज पार्टी में ऐतिहासिक बदलाव हुआ है. आकाश आनंद की अगुवाई में लोकसभा चुनाव से पहले बीएसपी नई शक्ल लेती दिख रही है. आकाश आनंद ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो में आकाश आनंद चुनावी बिगुल फूंकते हुए BSP से जुड़ने के लिए एक नंबर जारी किया. आकाश ने कहा है कि ना रुके हैं, ना रुकेंगे…अधिकारों की लड़ाई के लिए लड़ते रहेंगे. समाज में बदलाव के लिए हमारी लड़ाई जारी रहेगी. देश में समतामूलक समाज बनाने के लिए हम फिर से संगठित होंगे.
इंडिया गठबंधन में शामिल होने के संकेत?
वीडियो में आकाश आनंद ने आगे कहा कि, ‘ संविधान और लोकतंत्र को बचाने के लिए देश की राजनीति को बस दो दलों की जागीर बनने नहीं देंगे. इतिहास गवाह है कि बसपा ने अपने शर्तों पर ही लड़ाई लड़ी है और जीती भी है. ‘ संभवत: आकाश आनंद ने इस वीडियो में जिन दो दलों की बात कर रहे हैं वह भाजपा और कांग्रेस हैं. यह दिलचस्प है कि ये वीडियो ऐसे समय पर सामने आया है उत्तर प्रदेश में विपक्षी गठबंध इंडिया में मायावती को शामिल करने की चर्चाएं चल रही हैं.
बसपा पर टिकीं सबकी निगाहें
लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर एक ओर राजनीतिक पार्टियां अपनी तैयारियों को धार देने में जुट गई है. साथ ही दूसरी ओर अपने राजनीतिक नफा-नुकसान को ध्यान में रखते हुए किसी गठबंधन में शामिल होने का निर्णय ले रहे हैं. इसी क्रम में सबकी निगाहें बसपा सुप्रीमो मायावती पर टिकी हैं. कांग्रेस उत्तर प्रदेश में मायावती के नेतृत्व वाली बहुजन समाज पार्टी का भी साथ चाहती है. एक तरफ कांग्रेस जहां बसपा से गठबंधन को लेकर खुलकर बैटिंग कर रही है. वहीं, सपा इस पूरी कवायद से अपनी अनभिज्ञता जाहिर कर रही है.
पहले आए हैं ऐसे बयान
वहीं बसपा के इंडिया गठबंधन में शामिल होने और सपा के उसमें अड़ंगा लगाने की चर्चा के बीच मायावती ने एक बड़ा बयान भी सामने आया. बसपा सुप्रीमो ने 8 जनवरी को एक्स पर पोस्ट कर सपा को पिछड़ा और दलित विरोधी पार्टी बताया था. मायावती ने अपने पोस्ट में यह भी कहा था कि पिछले लोकसभा चुनाव में गठबंधन करके इनके दलित-विरोधी चाल, चरित्र और चेहरा बदलने का प्रयास किया लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद सपा फिर से अपने दलित-विरोधी जातिवादी एजेंडे पर आ गई.
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