Ramcharitmanas Controversy: रामचरितमानस को लेकर चल रहे विवाद पर अब बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. इस पूरे विवाद की निंदा करते हुए धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने आरोप लगाया कि ‘इसके पीछे लंबी साजिश है जो, जो तथाकथित लोगों के द्वारा की गई है.’ साथ ही धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री रामचरितमानस को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित किए जाने की मांग की है.
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बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर ने कहा,
“यह घोर निंदनीय कृत्य है. इस पर हमारा यही कहना है कि इसके पीछे लंबी साजिश है जो तथाकथित लोगों के द्वारा की गई है. आपके वैचारिक भेद हैं तो ठीक हैं. अपनी बात बोल सकते हैं, पर किसी की भावना को ठेस नहीं पहुंचा सकते. आपको यह अधिकार नहीं है. हम वाणी से बोल सकते हैं, अपनी बात बोल सकते हैं. हमारा इतिहास है, आज तक हमने किसी अन्य धर्म के खिलाफ नहीं बोला, लेकिन अपने धर्म के पक्ष में बोला. रामचरितमानस के साथ जो किया गया वह निंदनीय है और इसे देखने वाले भी निंदनीय हैं. इसलिए हमने प्रत्येक सनातनी से प्रार्थना की है कि इनको तो मजा चखाना पड़ेगा.”
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री
उन्होंने आगे कहा, “रामचरितमानस को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित होना चाहिए, क्योंकि रामचरितमानस राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित होगा तो रामराज्य आएगा. रामराज्य आएगा तो प्रजा प्रसन्न होगी. प्रजा प्रसन्न होगी तो भारत विश्व गुरु बनेगा. इसलिए प्रत्येक सनातनी, प्रत्येक साधु-महात्मा चाहते हैं कि बहुत जल्द रामचरितमानस को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित किया जाए और सरकार को यह करना चाहिए. भारतीय नागरिक होने के नाते हमारी यह मांग है.”
इसके अलावा, शास्त्री बोले कि सनातन धर्म के विरोध के पीछे कई लोग हैं. इसमें वामपंथी हैं, सनातन विरोधी भी हैं. वह लोग हैं जिन्हें भगवान से दिक्कत है, जिन्हें राम से दिक्कत है. जो भगवान राम का सबूत मांग रहे थे, अयोध्या का सबूत मांग रहे थे, जो बागेश्वर बालाजी के दरबार का सबूत मांग रहे थे, वह सब इसमें शामिल हैं.”
कब शादी करेंगे धीरेंद्र शास्त्री?
धीरेंद्र शास्त्री ने अपने विवाह से जुड़े सवाल के जवाब में कहा, “हमारी शादी की बात भी चलती रहती है. देखिए, हम कोई साधु या महात्मा नहीं हैं, हम बहुत ही सामान्य इंसान हैं. हम अपने इष्ट बालाजी के चरणों में रहते हैं. हमारे ऋषियों की परंपरा में भी बहुत से महापुरुषों ने गृहस्थ जीवन बिताया है.”
उन्होंने आगे कहा, “भगवान भी गृहस्थ में ही प्रकट होते हैं. यानी हमारी पहले ब्रह्मचारी, फिर गृहस्थ, वानप्रस्थ और फिर संन्यास की परंपरा है, उसी पर अग्रसर होंगे. हम भी बहुत जल्द शादी करेंगे. हम सबको बुलाएंगे, लेकिन ज्यादा लोगों को बुला नहीं सकते. कौन संभालेगा? इसलिए सब लोगों के लिए शादी का लाइव प्रसारण करवा देंगे.”
(मध्य प्रदेश से रवीश पाल सिंह की रिपोर्ट)
रामचरितमानस का विरोध हिन्दू समाज को तोड़ने के सपा, राजद के षड्यंत्र का हिस्सा: विहिप
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