New Parliament Building Inauguration:बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने नए संसद भवन के उद्घाटन में शामिल होने या बहिष्कार करने पर अपना रुख साफ कर दिया है. मायावती ने ट्वीट कर बताया है कि बसपा विपक्ष के बहिष्कार में शामिल नहीं होगी. हालांकि व्यस्तता का हवाला देते हुए मायावती ने खुद कार्यक्रम में शामिल होने में असमर्थता जताई है. बता दें कि विपक्ष का कहना है कि मोदी सरकार नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से नहीं करवा रही है, जो आदिवासी समाज से आती हैं. इसे विपक्ष ने आदिवासियों के सम्मान से जोड़ा है. वहीं, विपक्ष के इस मुद्दे का मायवाती ने पलटवार किया है. मायावती ने कहा कि ‘इसको आदिवासी महिला सम्मान से जोड़ना अनुचित है.’
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बसपा चीफ ने ट्वीट कर कहा, “केंद्र में पहले चाहे कांग्रेस पार्टी की सरकार रही हो या अब वर्तमान में बीजेपी की, बीएसपी ने देश व जनहित निहित मुद्दों पर हमेशा दलगत राजनीति से ऊपर उठकर उनका समर्थन किया है. तथा 28 मई को संसद के नए भवन के उद्घाटन को भी पार्टी इसी संदर्भ में देखते हुए इसका स्वागत करती है.”
मायावती ने कहा, “राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी द्वारा नए संसद का उद्घाटन नहीं कराए जाने को लेकर बहिष्कार अनुचित. सरकार ने इसको बनाया है इसलिए उसके उद्घाटन का उसे हक है. इसको आदिवासी महिला सम्मान से जोड़ना भी अनुचित. यह उन्हें निर्विरोध न चुनकर उनके विरुद्ध उम्मीदवार खड़ा करते वक्त सोचना चाहिए था.”
उन्होंने आगे कहा, “देश को समर्पित होने वाले कार्यक्रम अर्थात नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का निमंत्रण मुझे प्राप्त हुआ है, जिसके लिए आभार और मेरी शुभकामनाएं. किंतु पार्टी की लगातार जारी समीक्षा बैठकों संबंधी अपनी पूर्व निर्धारित व्यस्तता के कारण मैं उस समारोह में शामिल नहीं हो पाऊंगी.”
गौरतलब है कि विपक्ष के 19 दलों ने संसद के नए भवन के उद्घाटन समारोह का बुधवार को सामूहिक रूप से बहिष्कार करने का ऐलान किया. ऐलान करने वालों में यूपी की मुख्या विपक्षी समाजवादी पार्टी भी शामिल है.
किन-किन पार्टियों ने किया है बहिष्कार का ऐलान?
आपको बता दें कि कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रविड मुन्नेत्र कड़गम (द्रमुक), जनता दल (यूनाइटेड), आम आदमी पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, झारखंड मुक्ति मोर्चा, नेशनल कांफ्रेंस, केरल कांग्रेस (मणि), रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी, विदुथलाई चिरुथिगल काट्ची (वीसीके), मारुमलार्ची द्रविड मुन्नेत्र कड़गम (एमडीएमके) और राष्ट्रीय लोकदल ने संयुक्त रूप से बहिष्कार की घोषणा की है.
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