RSS Chief Mohan Bhagwat : राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने शुक्रवार को ओक ऐसा बयान दिया है, जिसकी चर्चा चारों तरफ हो रही है. अपने बयान में RSS प्रमुख ने देश में सद्भावना की वकालत की और मंदिर-मस्जिद को लेकर शुरू हुए नए विवादों पर नाराजगी जाहिर की है. भागवत की टिप्पणी पर उत्तर प्रदेश स्थित कैराना से सांसद और समाजवादी पार्टी की नेता इकरा हसन ने प्रतिक्रिया दी है. सपा सांसद ने RSS प्रमुख के बयान का स्वागत किया है.
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मोहन भागवत के बयान पर बोलीं इकरा हसन
कैराना सांसद इकरा हसन ने कहा कि, 'मजहब की लड़ाई से रोजाना विवाद पैदा किए जा रहे हैं, उनसे अलग हटकर हमें आगे बढ़ना होगा और अपने देश के बुनियादी मुद्दों पर बुनियादी मसलों पर डेवलपमेंट के मुद्दों पर काम करना होगा. तभी हमारा देश प्रगति कर पाएगा. पहली बार मैं मोहन भागवत के बयान से इत्तेफाक रखती हूं. आज की ज़रुरत यही है की इस तरह के मुद्दे बंद हो सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा था कि जो राम जन्म भूमि वाला मसला था वो एक एक्सेप्शन था. उसको नॉर्म की तरह ना लिया जाए लेकिन फिर भी कुछ लोग इस पर राजनीति करने का प्रयास कर रहे हैं.'
सपा सांसद ने आगे कहा कि, 'पहली बार उनके बयान से इत्तेफाक रखती हूं लेकिन ये भी कहना चाहती हूं कि ये सब प्रयोग जो हुआ है उन्हीं के संघ द्वारा शुरू हुआ था, लेकिन देर आए दुरुस्त आए. बयान देर से आया है, लेकिन इसका स्वागत करते हैं.' बता दें कि मोहन भागवत ने मंदिर-मस्जिद को लेकर हो रहे हालिया विवादों पर अपनी बात रखते हुए कहा कि, अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के बाद ऐसे विवादों को उठाकर कुछ लोगों को लगता है कि वे 'हिंदुओं के नेता' बन जाएंगे.
क्या कहा है RSS प्रमुख ने
मोहन भागवत ने देश में सद्भावना के महत्व पर जोर देते हुए उस प्रकार के नए विवादों पर नाराजगी व्यक्त की है, जो मंदिर-मस्जिद के मुद्दों को लेकर उठ रहे हैं. भागवत ने 'सहजीवन व्याख्यानमाला' के दौरान 'इंडिया - द विश्वगुरू' विषय पर संबोधित करते हुए कहा कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के बाद कुछ लोगों को लगता है कि ऐसे विवादों को उठाकर वे 'हिंदुओं के नेता' बन सकते हैं. उन्होंने भारतीय समाज की बहुलता पर जोर देते हुए अंतरधार्मिक सम्मान की बात की और कहा कि हमने रामकृष्ण मिशन में क्रिसमस मनाया, क्योंकि हम हिंदू हैं और यही हमारी ताकत है. भागवत का ये बयान ऐसे वक्त पर आया है जब मंदिर-मस्जिदों को लेकर नए विवादों का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है.
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