कानपुर के मेहरबान सिंह पुरवा में चौधरी हरमोहन सिंह के आवास पर उनकी 10वीं पुण्यतिथि के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुए. उन्होंने कहा कि एक समय था जब मेहरबान सिंह पुरवा से यूपी की राजनीति को दिशा मिलती थी. चौधरी हरमोहन को श्रद्धांजलि देने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दल का और व्यक्ति के विरोध को देश के विरोध में न बदलें. देश सबसे पहले है, समाज सबसे पहले है. लोहिया जी का मानना था कि समाजवाद समानता का सिद्धांत है. समाजवाद का पतन उसे असमानता में बदल सकता है.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर कहा कि आज हमारे देश के लिए बहुत बड़ा लोकतांत्रिक अवसर है. आजादी के बाद पहली बार आदिवासी समाज की एक महिला राष्ट्रपति देश का नेतृत्व करने जा रहा ही हैं. ये हमारे लोकतंत्र का का जीता जागता उदाहरण है. संवैधिक उत्तरदायित्व के लिए मेरा दिल्ली रहना जरूरी है. इसलिए आपसे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मिल रहा हूं.
हालांकि हरिमोहन सिंह के बेटे और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सुखराम यादव ने अपने संबोधन में पीएम मोदी से कहा- हमारे गांव वालों ने कहा कि हमको मजा नहीं आया. सुखराम यादव ने कहा कि गांव वाले प्रधानमंत्री मोदी का यहां इंतजार कर रहे थे. इससे पहले यहां दो प्रधानमंत्री आ चुके हैं.
सुखराम यादव ने पीएम मोदी से कहा- मैंने अपन बेटा आपको सौंप दिया है. अब आपको तय करना है. हमारे गांव, यहां के लोगों का विकास अब आपके हाथ में है.
हरिमोहन जी ने ग्राम सभा से राज्यसभा का सफर तय किया- पीएम
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि लोहिया जी के विचारों को हरमोहन सिंह जी ने आगे बढ़ाया. उन्होंने प्रदेश और समाज के लिए जो कार्य किया उससे आने वाली पीढ़ियों को हमेशा मार्ग दर्शन मिल रहा है. उन्होंने ग्राम सभा से राज्यसभा तक का सफर तय किया. एक समय मेहरबान सिंह का पुरवा से यूपी की राजनीति को दिशा मिलती रही. उन्होंने युवाओं को लोहिया जी के संकल्पों को आगे बढ़ाया. उनका फौलादी व्यक्तित्व 1984 में भी देखा. सिख भाई बहनों की रक्षा के लिए वे आगे आकर लड़े. देश ने उन्हें शौर्य चक्र दिया.
अटल जी ने कहा- देश रहना चाहिए- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि अटल जी ने कहा था- सरकारें आएंगे, सरकारें जाएंगे पर ये देश रहना चाहिए. व्यक्ति से बड़ा दल और दल से बड़ा देश. हमारे देश में सभी गैर कांग्रेस दलों ने इस विचार को देश के सहयोग और समन्वय के आदर को निभाया. 1971 में भारत-पाक का यु्द्ध हुआ तो हर पार्टी कंधे से कंधा मिलाकर सरकार के साथ खड़ी रही. आपात काल के दौरान देश के लोकतंत्र को कुचला गया तो सभी पार्टियों ने एक साथ आकर लोकतंत्र को बचाने के लिए लड़ाई लड़ी. चौधरी हर मोहन सिंह भी उस समय देश के लोकतंत्र के लिए लड़ें.
UP News : मुलायम सिंह के चहेते हरमोहन सिंह की पुण्यतिथि कार्यक्रम में पीएम मोदी होंगे शरीक
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