लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में सोमवार, 3 जनवरी को विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा अदालत में आरोपपत्र दाखिल करने के बाद उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा किया. उन्होंने सवाल उठाया कि अब केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ को बर्खास्त करने के लिए और कितने सबूतों की आवश्यकता है.
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अजय कुमार लल्लू ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में सोमवार को संवाददाताओं से बातचीत में एसआईटी के आरोपपत्र का हवाला देकर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ को बर्खास्त करने की मांग की.
बता दें कि लखीमपुर खीरी हिंसा में चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत के मामले में एसआईटी द्वारा सोमवार को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) की अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया गया, जिसमें कहा गया है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा मौके पर मौजूद थे. जांच एजेंसी ने आशीष मिश्रा को घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया है. एसआईटी ने आशीष मिश्रा को ही मुख्य आरोपी बनाया है.
लल्लू ने सवाल किया कि अब अजय मिश्रा को बर्खास्त करने के लिए और क्या सबूत चाहिए. मंत्री को अविलंब बर्खास्त करने की मांग करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि उनके (अजय मिश्रा) रिश्तेदार वीरेंद्र कुमार शुक्ला को पुलिस ने सबूत मिटाने के अपराध में नामजद किया है. उन्होंने आरोप लगाया कि मिश्रा के संकेत के बिना इतनी बड़ी घटना संभव नहीं है.
उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से सवाल किया कि क्या उनकी दूरबीन अब उत्तर प्रदेश में अपराधियों और अपराधों को नहीं देख पा रही है.
बता दें कि अमित शाह ने पिछले साल दिसंबर में योगी आदित्यनाथ सरकार के कानून व्यवस्था की तारीफ करते हुए कहा था, ‘2017 से पहले, उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था की खराब स्थिति को देखकर मेरा खून खौल जाता था. पहले की सरकार के दौर में लड़कियां बाहर नहीं आ सकती थीं. हर जिले में दो-तीन ‘बाहुबली’ होते थे लेकिन आज दूरबीन लेकर खोजूं तो कहीं कोई ‘बाहुबली’ नजर नहीं आता.’
लल्लू ने दावा किया कि प्रदेश के लोग किसानों के नरसंहार को कभी नहीं भूलेंगे और बीजेपी सरकार को माफ नहीं करेंगे और आने वाले विधानसभा चुनाव में वे बीजेपी सरकार को सबक सिखाएंगे.
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