साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन में शामिल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी में सीटों को लेकर रार बढ़ गई है. दरअसल, सपा ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अभी तक कुल 31 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा की है, जबकि कांग्रेस ने 144 सीटों पर अपने प्रत्याशियों को टिकट दे दिया है. इनमें से कई सीटों पर सपा और कांग्रेस आमने-सामने आ गई हैं.
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पिछले दिनों सपा चीफ अखिलेश यादव ने कांग्रेस को इंडिया गठबंधन के लिए अल्टीमेटम दिया था. उन्होंने कहा था कि लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस को इंडिया गठबंधन के बारे में तय करना है कि यह गठबंधन राष्ट्रीय स्तर पर होगा या प्रदेश स्तर पर. अगर अभी प्रदेश स्तर गठबंधन नहीं किया गया तो भविष्य में भी प्रदेश स्तर पर गठबंधन नहीं होगा.
अखिलेश के इस बयान पर यूपी कांग्रेस चीफ अजय राय ने कहा था कि उत्तर प्रदेश में हमारी सभी 80 सीटों पर तैयारी चल रही है. बड़ा दिल दिखाते हुए कांग्रेस ने घोसी उपचुनाव में सपा का समर्थन किया था. अगर हम घोसी से लड़ते, तो शायद वे (सपा) सीट हार जाते.
सीतापुर में सपा चीफ अखिलेश यादव, यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय पर भड़क गए. उन्होंने अजय राय को चिरकुट नेता तक बता डाला.
अखिलेश ने अजय राय को लेकर कहा कि प्रदेश के मुखिया के पास कोई अधिकार नहीं है. मुंबई के पटना में हुई बैठक में वह नहीं थे. वह इंडिया गठबंधन के बारे में क्या जानते हैं? मैं कांग्रेस पार्टी से कहना चाहता हूं कि अपने चिरकुट नेताओं से हमारी पार्टी के बारे में न बुलवाए.
उन्होंने आगे कहा,
“मैं कांग्रेस के बड़े नेताओं से ये अपील करूंगा कि अपने छोटे नेताओं से इस तरह का बयान मत दिलवाइए.”
कांग्रेस पर जमकर बरसे
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ सीट शेयरिंग पर बात नहीं बन पाने पर अखिलेश ने कहा,
“अगर मुझे पता होता कि गठबंधन राज्य स्तर पर नहीं है तो मैं सपा नेताओं को दिग्विजय सिंह के पास नहीं भेजता. अगर मुझे पता होता कि कांग्रेस के लोग हमें धोखा देंगे तो मैं उन पर भरोसा नहीं करता.”
सपा चीफ ने कहा,
“अगर ये मुझे पहले दिन पता होता कि विधानसभा स्तर पर कोई गठबंधन नहीं है, INDIA का तो कभी मिलने नहीं जाते हमारी पार्टी के लोग, न ही हम कभी सूची देते कांग्रेस के लोगों को और न ही हम कांग्रेस के लोगों का फोन उठाते. अगर उन्होंने (कांग्रेस) ने ये बात कही है कि गठबंधन नहीं तो हम स्वीकार करते हैं कि गठबंधन नहीं है. अगर गठबंधन केवल उत्तर प्रदेश में केंद्र के लिए होगा तो उसपर विचार किया जाएगा. जैसा व्यवहार समाजावदी पार्टी के साथ होगा वैसा ही व्यवहार उन्हें यहां देखने को मिलेगा.”
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