वाराणसी (Varanasi) के ज्ञानवापी मस्जिद-मंदिर विवाद के बाद अब मथुरा (Mathura) के श्रीकृष्ण जन्मभूमि एवं शाही ईदगाह विवाद (Shree Krishna Shahi Idgah Vivad) का मामला भी गरमा गया है. हाल ही में मथुरा की एक स्थानीय कोर्ट ने ईदगाह के अमीन सर्वेक्षण का आदेश दिया था. कोर्ट ने अमीन सर्वे की रिपोर्ट को 20 जनवरी तक पेश करने के आदेश दिए हैं. अब कोर्ट के इस आदेश को लेकर सियासत तेज हो गई है.
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इसी क्रम में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) का भी बयान सामने आ गया है. न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक असदुद्दीन ओवैसी ने मथुरा कोर्ट के फैसले को 1991 के कानून का उल्लंघन माना है.
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि, “मेरे विचार से यह आदेश गलत है. सिविल कोर्ट ने 1991 के एक्ट का उल्लंघन किया है.” असदुद्दीन ओवैसी ने आगे कहा कि, सर्वेक्षण को पहले उपाय के रूप में इस्तेमाल किया है, जबकि कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि यह अंतिम उपाय होना चाहिए था. इसी के साथ ओवैसी ने कहा कि मैं आदेश से असहमत हूं.
उम्मीद है कि आदेश के खिलाफ होगी अपील
UP News Hindi: न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, मथुरा की स्थानीय कोर्ट के आदेशों पर चिंता जाहिर करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने आगे कहा कि, मुझे यकीन है कि शाही ईदगाह ट्रस्ट इस गलत आदेश के खिलाफ अपील करेगा और उच्च न्यायालय इस पर गौर करेंगे.
काशी में भी दिया था ऐसा ही आदेश
Gyanvapi Case News: आपको बता दें कि, वाराणसी के श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी मामले में 17 अगस्त 2021 को पांच महिलाओं ने श्रृंगार गौरी में पूजन और विग्रहों की सुरक्षा को लेकर याचिका डाली थी. इस पर वहां उस समय तैनात सिविल जज सीनियर डिविजन रवि कुमार दिवाकर ने कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर ज्ञानवापी का सर्वेक्षण कराने का आदेश दिया था. बाद में यह मामला शीर्ष अदालत तक पहुंचा था.
कृष्ण जन्मभूमि केस: कोर्ट का बड़ा आदेश, ज्ञानवापी की तरह शाही ईदगाह का होगा अमीन सर्वेक्षण
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