बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो मायावती ने समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव का आभार जताया है. दरअसल, मथुरा जिले के एक भाजपा विधायक द्वारा मायावती पर लगाए गए आरोपों के बाद अखिलेश यादव ने MLA को करारा जवाब दिया, जिसके लिए बसपा चीफ ने उनका धन्यवाद किया. बसपा प्रमुख मायावती ने सपा मुखिया के समर्थन की सराहना की है.
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मायावती ने अपने ट्वीट में कहा कि सपा प्रमुख ने जिस तरह से भाजपा विधायक के गलत आरोपों का सामना किया और सच्चाई को सामने रखा, उससे बसपा को बेहद खुशी हुई है. उन्होंने भाजपा विधायक पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी अपनी पार्टी में अब कोई पूछ नहीं हो रही है, इसलिए वे बसपा प्रमुख के बारे में अनाप-शनाप बयानबाजी कर रहे हैं. मायावती ने इसे अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताया.
मायावती ने भाजपा से इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने कहा कि यदि यह भाजपा का षडयंत्र नहीं है तो पार्टी को उस विधायक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए. साथ ही, अगर विधायक मानसिक रूप से अस्वस्थ हैं, तो उनका इलाज कराना चाहिए. मायावती ने यह भी कहा कि अगर भाजपा अपने विधायक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करती है, तो जनता इसका जवाब अगले विधानसभा चुनाव में देगी. उन्होंने आने वाले 10 उपचुनावों में भी भाजपा को हराने का आह्वान किया.
मायावती का यह बयान बसपा और सपा के बीच राजनीतिक समीकरणों को लेकर चर्चाओं को हवा दे सकता है. दोनों पार्टियां कई मुद्दों पर एक-दूसरे के विरोधी रही हैं, लेकिन इस मामले में अखिलेश यादव द्वारा मायावती के समर्थन में खड़ा होना नए संकेत देता है. आने वाले चुनावी परिदृश्य में यह समीकरण क्या रंग लाएगा, यह देखना दिलचस्प होगा.
क्या है वो मामला जिसमें अखिलेश ने लिया मायावती का पक्ष
दरअसल, एक टीवी डिबेट के दौरान मथुरा की मांट सीट से भाजपा विधायक राजेश चौधरी ने मायावती को लेकर एक बयान दिया था. उन्होंने कहा था, "मायावती जी चार बार यूपी की सीएम रहीं इसमें कोई संदेह नहीं है. पहली बार हमने ही उन्हें सीएम बनाया था, वो गलती हमने ही की थी. यूपी के अंदर सबसे भ्रष्ट मुख्यमंत्री हुआ है, तो उनका नाम है मायावती."
भाजपा विधायक के इसी बयान का अखिलेश ने जवाब दिया. उन्होंने कहा, "उप्र के एक भाजपा विधायक द्वारा उप्र की एक भूतपूर्व महिला मुख्यमंत्री जी के प्रति कहे गये अभद्र शब्द दर्शाते हैं कि भाजपाइयों के मन में महिलाओं और खासतौर से वंचित-शोषित समाज से आनेवालों के प्रति कितनी कटुता भरी है."
उन्होंने आगे कहा, "राजनीति मतभेद अपनी जगह होते हैं लेकिन एक महिला के रूप में उनका मान-सम्मान खंडित करने का किसी को भी अधिकार नहीं है. भाजपाई कह रहे हैं कि उन्हें मुख्यमंत्री बनाकर हमने गलती की थी, ये भी लोकतांत्रिक देश में जनमत का अपमान है और बिना किसी आधार के ये आरोप लगाना कि वो सबसे भ्रष्ट मुख्यमंत्री थीं, बेहद आपत्तिजनक है. भाजपा के विधायक के ऊपर, सार्वजनिक रुप से दिये गये इस वक्तव्य के लिए मानहानि का मुक़दमा होना चाहिए. भाजपा ऐसे विधायकों को प्रश्रय देकर महिलाओं के मान-सम्मान को गहरी ठेस पहुँचा रही है. अगर ऐसे लोगों के ख़िलाफ़ भाजपा तुरंत अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं करती है तो मान लेना चाहिए, ये किसी एक विधायक का व्यक्तिगत विचार नहीं है बल्कि पूरी भाजपा का है. घोर निंदनीय!"
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