विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा दिए गए बयान पर बहस छिड़ गई है. इस मुद्दे पर बहुजन समाज पार्टी (BSP) सुप्रीमो मायावती ने अपनी प्रतिक्रिया साझा की है. इससे पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी सीएम योगी के बयान पर तंज कसा था. वहीं, अब मायावती ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण दीर्घकालीन नीतिगत मुद्दा है, जिसके प्रति कानून से कहीं ज्यादा जागरुकता की जरूरत है.
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बीएसपी चीफ ने ट्वीट कर कहा,
“ऐसे समय में जब आसमान छूूती महंगाई, अति गरीबी व बढ़ती बेरोजगारी आदि के अभिशाप से परिवारों का जीवन दुखी, त्रस्त व तनावपूूर्ण है तथा वे स्वंय ही अपनी सभी जरूरतों को सीमित कर रहे हैं, तब जनसंख्या नियंत्रण जैसे दीर्घकालीन विषय पर लोगों को उलझाना भाजपा की कौन सी समझदारी है?”
मायावती
बीएसपी चीफ ने कहा, “जनसंख्या नियंत्रण दीर्घकालीन नीतिगत मुद्दा जिसके प्रति कानून से कहीं ज्यादा जागरुकता की जरूरत, किन्तु भाजपा सरकारें देश की वास्तविक प्राथमिकता पर समुचित ध्यान देने के बजाय भटकाऊ व विवादित मुद्दे ही चुन रही हैं तो ऐसे में जनहित च देशहित का सही से कैसे भला संभव? जनता दुखी व बेचैन.”
इससे पहले सपा प्रमुख यादव ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा था, “अराजकता आबादी से नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों की बर्बादी से उपजती है.”
सीएम योगी ने क्या कहा था?
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को यहां विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर कहा था कि जनसंख्या नियंत्रण कार्यक्रम सफलतापूर्वक आगे बढ़े, लेकिन जनसांख्यिकी असंतुलन की स्थिति भी न पैदा हो पाए.
सीएम योगी ने कहा था कि ‘इसका धार्मिक जनसांख्यिकी पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है और वहां अराजकता और अव्यवस्था शुरू हो जाती है. इसलिए जब हम जनसंख्या स्थिरीकरण के बारे में बात करते हैं, तो यह सभी के लिए और जाति, धर्म, भाषा या क्षेत्र के ऊपर एक समान होना चाहिए.
योगी ने कहा था, “ऐसा नहीं होना चाहिए कि जनसंख्या वृद्धि की गति या किसी समुदाय का प्रतिशत अधिक हो और हम ‘मूल निवासियों’ की आबादी को स्थिर करने के लिए जागरूकता या प्रवर्तन के माध्यम से कार्य कर रहे हों.”
सीएम योगी ने और क्या-क्या कहा था, इसे जानने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें-
लखनऊ: विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर CM योगी ने जाहिर की ये बड़ी चिंता, जानिए क्या कहा
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