उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की घड़ी नजदीक है. यूपी की सत्ता संभाल रही बीजेपी के लिए 2022 का चुनाव बेहद अहम है. इसके लिए पार्टी ने कमर कस दी है. चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर उत्तर प्रदेश बीजेपी के चुनाव प्रभारी और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान बुधवार, 22 सितंबर से यूपी के तीन दिवसीय दौरे पर रहेंगे. बुधवार को ही सह प्रभारियों की भारी भरकम टीम भी लखनऊ आ रही है. पार्टी के प्रदेश चुनाव सह-प्रभारी और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर भी आज लखनऊ पहुंचेंगे.
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बुधवार शाम 5 बजे पार्टी कार्यालय पर प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक होनी है. 23 सितंबर को धर्मेंद्र प्रधान गोरखपुर दौरे पर रहेंगे. इसके साथ ही 24 सितंबर को यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर लखनऊ में मंथन होगा. इन बैठकों में संगठन के प्रभारी राधा मोहन सिंह और उनके सह प्रभारी भी शामिल होंगे. बैठकों में महामंथन के साथ ही बीजेपी का माइक्रो मैनेजमेंट भी दिखेगा.
माइक्रो मैनेजमेंट पर है बीजेपी का जोर
आपको बता दें कि बीजेपी अपने चुनाव प्रबंधन में माइक्रो मैनेजमेंट पर बहुत जोर देती रही है. 2017 के विधानसभा और 2019 के लोकसभा चुनाव में इसे हर स्तर पर अपनाया गया और इससे पार्टी को नतीजों में सफलता भी मिली. इस सफलता को दोहराना बीजेपी के लिए 2022 के चुनाव की दृष्टि से भी जरूरी है. इसलिए बीजेपी इस चुनाव में पन्ना प्रमुख के रूप में सीएम योगी, दोनों डिप्टी सीएम और सभी प्रमुख नेताओं को जिम्मेदारी देने का फैसला कर चुकी है. अब पार्टी ने संगठन प्रभार और चुनाव प्रभार तय करने में माइक्रो मैनेजमेंट किया है.
संगठन के सह-प्रभारियों को मिली इन क्षेत्रों की जिम्मेदारी
पार्टी ने यूपी बीजेपी के प्रभारी राधा मोहन सिंह के सह प्रभारियों को अलग-अलग क्षेत्रों की जिम्मेदारी सौंप दी है. इसके तहत, संजय भाटिया को पश्चिम क्षेत्र, संजीव चौरसिया को ब्रज क्षेत्र, सत्या कुमार को अवध क्षेत्र, सुधीर गुप्ता को कानपुर क्षेत्र, अरविंद मेनन को गोरखपुर क्षेत्र और सुनिल ओझा को काशी क्षेत्र की जिम्मेदारी दी गई है.
“बीजेपी कार्यकर्ता आधारित पार्टी है. ऐसे में हमारे पास कार्यकर्ताओं कीै लंबी कतार है. हर वरिष्ठ नेता कहीं-न-कहीं कार्यकर्ता भी है. कार्यकर्ता बनकर वरिष्ठ नेताओं ने पहले भी बड़े-से-बड़े कार्य किए हैं.”
विजय बहादुर पाठक, बीजेपी उपाध्यक्ष
बीजेपी सूत्रों के अनुसार चुनाव के सह प्रभारियों अनुराग ठाकुर, अर्जुन राम मेघवाल, सरोज पांडे, शोभा करंदलाजे, कैप्टन अभिमन्यु, अन्नपूर्णा देवी और विवेक ठाकुर में भी इसी माइक्रो मैनेजमेंट को लागू करते हुए कार्य विभाजन होगा. भले ही ये सभी चुनाव सह-प्रभारी कहे जाएंगे लेकिन इनमें से प्रत्येक को निर्धारित जिम्मेदारी और उनकी निर्धारित जवाबदेही होगी. धर्मेंद्र प्रधान के इस पहले दौरे में ये भी तय हो जाएगा कि किसको किस कार्य या क्षेत्र विशेष की जिम्मेदारी मिलने वाली है.
“बीजेपी यूपी चुनाव में जो नतीजे देगी वो 2024 के लोकसभा चुनाव की पृष्ठभूमि तय करेगा. अटल जी की सरकार सिर्फ इसलिए चली गई थी क्योंकि बीजेपी की यूपी में 10 ही सीटें थी. 2024 के लोकसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए बीजेपी को यूपी का चुनाव जीतना जरूरी है.”
योगेश मिश्रा, वरिष्ठ पत्रकार
बड़े चेहरों को जिम्मेदारी देकर बीजेपी सफलता सुनिश्चित करना चाहती है
इस बात को लेकर चर्चा इसलिए भी अहम है क्योंकि ये सभी बीजेपी के बड़े चेहरे हैं. अनुराग ठाकुर, अर्जुन राम मेघवाल, शोभा करंदलाजे, अन्नपूर्णा देवी केंद्रीय मंत्री हैं तो सरोज पांडे, कैप्टन अभिमन्यु, विवेक ठाकुर जैसे सांसदों के ‘यूथ कनेक्ट’ और संगठन कार्य अनुभव से भी इनकार नहीं किया जा सकता. इससे पहले संगठन के सह प्रभारियों में अरविंद मेनन, सुनिल ओझा और सत्या कुमार की अलग राज्यों में भूमिका भी महत्वपूर्ण रही है.
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