समाजवादी पार्टी (सपा) के संस्थापक, उत्तर प्रदेश के तीन बार के मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश की राजनीति से लेकर राष्ट्रीय राजनीति में अहम भूमिका निभाने वाले मुलायम सिंह यादव उर्फ नेताजी की आज यानी 22 नवंबर को जयंती है. गौरतलब है कि इसी साल 10 अक्टूबर को नेताजी ने गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में आखिरी सांस ली थी और वह अपनी 83वीं सालगिरह नहीं मना सके. यानी इस बार उनका जन्मदिन पहली बार उनके बिना ही मन रहा है.
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मुलायम जी जयंती को लेकर यह हैं तैयारियां
आपको बता दें कि आज मुलायम सिंह यादव की जयंती सैफई महोत्सव के पंडाल में मनाई जाएगी. इस मौके पर मैनपुरी लोकसभा के कार्यकर्ता समेत आम लोगों के हुजूम के उमड़ने की उम्मीद है. इस दौरान मुलायम सिंह यादव द्वारा किए गए कार्यों को याद किया जाएगा. बता दें कि इस अवसर पर सपा चीफ अखिलेश यादव, शिवपाल सिंह, रामगोपाल यादव, डिंपल यादव समेत परिवार के अन्य लोग एक मंच पर एक साथ एकत्रित होंगे.
‘राजनीति के पहलवान’ थे मुलायम
इटावा जिले के सैफई गांव में 22 नवंबर, 1939 को जन्मे मुलायम सिंह यादव ने शुरुआती जीवन एक शिक्षक के रूप में शुरू किया और 1967 में पहली बार विधानसभा के सदस्य चुने गए. वह वर्ष 1977 में रामनरेश यादव के नेतृत्व वाली जनता पार्टी की उत्तर प्रदेश सरकार में पहली बार मंत्री बने. वर्ष 1989 में वह पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने और 1996 में मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र से चुनाव जीतने के बाद संयुक्त मोर्चा की सरकार में वह रक्षा मंत्री भी बने. यादव 2003 से 2007 तक दूसरी बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे. अपने लंबे राजनीतिक जीवन में मुलायम सिंह यादव ने कई बड़ी उपलब्धियां हासिल कीं. उन्होंने 1992 में समाजवादी पार्टी की स्थापना की.
2012 में बेटे को किया आगे
वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिलने के बाद उन्होंने उत्तर प्रदेश में अपने पुत्र अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनाया और अखिलेश 2017 तक इस पद पर बने रहे. इसी बीच परिवार में कलह के बाद मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई शिवपाल सिंह यादव सपा से अलग हो गये और उन्होंने बाद में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के नाम से एक अलग दल का गठन किया.
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