रामपुर की एक अदालत ने समाजवादी पार्टी (सपा) नेता आजम खान, उनकी पत्नी तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम को फर्जी जन्म प्रमाण पत्र के 5 साल पुराने मामले में बुधवार को दोषी ठहराते हुए 7 साल की सजा सुनाई.
ADVERTISEMENT
एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट शोभित बंसल की अदालत ने फर्जी जन्म प्रमाणपत्र के 2019 के मामले में आजम खान, तंजीन फातिमा और अब्दुल्ला आजम को दोषी ठहराया और अधिकतम 7 साल की सजा सुनाई.
कोर्ट द्वारा आजम खान, तंजीन फातिमा और अब्दुल्ला आजम को 7 साल की सजा सुनाए जाने पर सपा चीफ अखिलेश यादव ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.
कन्नौज में अखिलेश यादव ने कहा,
“आजम खान और उनके परिवार को न्याय मिलेगा. उनके खिलाफ बड़ी साजिश रची जा रही है. इस साजिश का ही परिणाम है कि आज उन्हें इस तरह की सजा का सामना करना पड़ रहा है. भाजपा के अंदर जो लोग बैठे हैं उनका कहना है कि आजम खान मुसलमान हैं, इसलिए उनको इस तरह की सजा फेस करनी पड़ रही है.”
एक्स पर समाजवादी पार्टी के मुताबिक, अखिलेश ने कहा, “आजम खान साहब के ऊपर लगातार इसी तरह का हमला हो रहा है. बड़ी साजिश की वजह से उनके साथ इस तरह का व्यवहार हो रहा है. बीजेपी के नेता और कुछ बाहर से लाए गए अधिकारी उनके साथ साजिश पहले दिन से कर रहे हैं.”
किस मामले में हुई 7 साल की सजा?
यह मामला 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव का है. अब्दुल्ला आजम रामपुर की स्वार विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़े और जीते भी थे. इस चुनाव को उनके विरोधी नवाब काजिम अली खान उर्फ नावेद मियां ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी.
उन्होंने आरोप लगाया था कि अब्दुल्ला आजम की उम्र विधायक का चुनाव लड़ने लायक नहीं है. शैक्षिक प्रमाण पत्र में अब्दुल्ला आजम की जन्म तिथि 1 जनवरी 1993 है, जबकि बर्थ सर्टिफिकेट के आधार पर उनका जन्म 30 सितंबर 1990 को हुआ है. हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए अब्दुल्ला की ओर से पेश किया गया जन्म प्रमाण पत्र को फर्जी पाया था और स्वार सीट से उनका चुनाव रद्द कर दिया था.
इसके बाद इस मामले में एक नया मोड़ तब आया जब रामपुर से भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने 2019 में रामपुर के थाना गंज में अब्दुल्ला आजम खान के खिलाफ दो जन्म प्रमाण पत्र होने का मामला दर्ज कराया था. इसमें आजम खान और उनकी पत्नी डॉक्टर तंजीन फातिमा को भी आरोपी बनाया गया था. अब इस मामले में तीनों लोग दोषी करार दिए गए हैं.
ADVERTISEMENT