मुलायम कुनबे में सियासी विरासत को लेकर छिड़ी जंग अब थम चुकी है. शिवपाल यादव और अखिलेश यादव गिले-शिकवे भुलाकर साथ आ चुके हैं. दोनों नेता मिशन-2024 में जुट गए हैं. वहीं सोमवार को सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पार्टी के वरिष्ठ नेता अपने चाचा शिवपाल सिंह यादव से उनके घर जाकर मुलाकात की. यह मुलाकात शिवपाल को सपा संगठन में जल्द ही कोई बड़ी जिम्मेदारी दिये जाने की अटकलों के मद्देनजर महत्वपूर्ण मानी जा रही है.
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सपा प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने बताया कि पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव सोमवार को दोपहर बाद अपने चाचा शिवपाल यादव से मुलाकात करने उनके घर गये. मुलाकात के दौरान क्या बातें हुईं, इस बारे में वह कुछ नहीं बता सकते. उन्होंने कहा, ”यह परिवार का मामला है और परिवार में कोई भी एक-दूसरे से मिल सकता है.
कभी एक-दूसरे के विरोधी रहे अखिलेश और शिवपाल की दूरियां पिछले साल दिसंबर में पार्टी संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के कारण रिक्त हुई मैनपुरी लोकसभा सीट के उपचुनाव के दौरान खत्म हुई नजर आ रही थीं.बता दें कि आठ दिसंबर को उपचुनाव परिणाम में सपा उम्मीदवार और अखिलेश की पत्नी डिम्पल को विजयी घोषित किये जाने के बाद अखिलेश ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का गठन कर चुके शिवपाल को सपा का झंडा देकर उन्हें अपनी पार्टी में शामिल कराया था.
बता दें कि 2017 से ठीक पहले सपा कुनबे का सत्ता संघर्ष सड़क पर आ गया था. चाचा शिवपाल और भतीजे अखिलेश के बीच तलवारें खिंची हुई थीं.इसके बाद शिवपाल ने सपा से अलग होकर 2018 में अपनी अलग प्रगतिशील समाजवादी पार्टी बना ली. नतीजा ये रहा है कि बीजेपी ने सपा का सफाया कर दिया.सपा को लोकसभा चुनाव-2014 की तरह 2019 में भी जबरदस्त हार मिली. वहीं, 2017 और 2022 के विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी ने उसे हरा दिया. मुलायम के निधन के बाद रिक्त हुई मैनपुरी लोकसभा सीट के उपचुनाव ने अखिलेश और शिवपाल को एक कर दिया. इसका असर ये हुआ कि डिंपल यादव रिकॉर्ड मतों से जीत गईं.
भाषा इनपुट के साथ
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