27 महीने बाद जेल से रिहा हुए समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान ने शुक्रवार, 20 मई को एक प्रेसवार्ता की. इस दौरान उन्होंने ज्ञानवापी विवाद मस्जिद को लेकर एक बयान दिया.
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उन्होंने कहा, “ये मुद्दा बाबरी मस्जिद से थोड़ा अलग है, क्योंकि इस मुद्दे पर सुनवाई पिछले 2-3 से हफ्ते में हुई है और बाबरी मस्जिद का मामला सालों तक चला. इसलिए मैं समझता हूं कि इस पर अभी कुछ कहना गलत होगा और मुल्क के माहौल को खराब करने का काम करेगा.”
उन्होंने कहा, “मुसलमानों को सजा मिल रही है वो उनको वोट के अधिकार पर मिल रही है.”
बता दें कि प्रेसवार्ता के दौरान एसपी नेता ने कहा, “हाईकोर्ट के कुछ फैसलों में और सुप्रीम कोर्ट से शत प्रतिशत मामलों में जिस तरह हमें इंसाफ मिला है उसमें यही कहा जा सकता है कि सुप्रीम कोर्ट ने विधाता की तरफ से जो शक्ति उसको मिली थी उसका सही और जायज इस्तेमाल किया.”
उन्होंने कहा, “अभी मेरे लिए BJP, BSP और कांग्रेस इसलिए बहुत बड़ा सवाल नहीं है क्योंकि मुझ पर, मेरे परिवार और मेरे लोगों पर हज़ारों की तादाद में जो मुकदमें दायर किए हैं उसमें मैं कहूंगा कि मेरी तबाहियों में मेरा अपना हाथ है. मेरे अपनो लोगों का बड़ा योगदान है. मालिक उन्हें सदबुद्धि दे.”
वहीं, जब खान से पूछा गया कि उनका नाम नेता प्रतिपक्ष में क्यों नहीं है तो इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि क्योंकि मैं उससे बड़ा नेता हूं. उपचुनाव लड़ने के सवाल पर खान ने कहा कि वह चुनाव लड़ेंगे.
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