योगी सरकार पर अखिलेश का निशाना- ‘शासक जितना कमजोर होता जाता है, उतना हिंसक होता जाता है’

यूपी तक

• 03:41 PM • 10 Dec 2021

सोशल मीडिया पर कानपुर का एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है, जिसमें बच्ची को गोद में लिए एक शख्स पर पुलिस लाठीचार्ज करती दिख…

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सोशल मीडिया पर कानपुर का एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है, जिसमें बच्ची को गोद में लिए एक शख्स पर पुलिस लाठीचार्ज करती दिख रही है. अब इस मामले पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया भी सामने आई है.

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उन्होंने ट्वीट कर यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधा है. अखिलेश ने लिखा है, “कानपुर देहात में आंदोलनरत स्वास्थ्यकर्मियों पर हुए बर्बर लाठीचार्ज में गोद में बच्चे लिए लोगों तक को नहीं छोड़ा गया. ये घटना बेहद निंदनीय और शर्मनाक है. शासक जितना कमजोर होता जाता है, उतना ही हिंसक होता जाता है. स्वास्थ्यकर्मी पुकारता ~ नहीं चाहिए भाजपा.”

क्या है पूरा मामला?

बताया जा रहा है कि कानपुर देहात में जिला अस्पताल के बगल में बन रहे मेडिकल कॉलेज के लिए खुदाई का काम चल रहा है. इसे लेकर यह शिकायत सामने आई कि इसकी मिट्टी जिला अस्पताल में उड़कर जा रही है, जिससे मरीजों को भी दिक्कत हो रही है. कर्मचारियों ने यह शिकायत की, लेकिन कथित तौर पर जब कोई सुनवाई नहीं हुई तो उन्होंने प्रदर्शन किया.

इस विरोध प्रदर्शन में जिला अस्पताल के कई कर्मचारी ओपीडी सेवा बंद करवा कर रहे थे. तभी इसकी जानकारी मिलने पर अकबरपुर पुलिस मौके पर पहुंच गई. पुलिस ने विरोध कर रहे कर्मचारियों को हटाना चाहा. आरोप है कि जब कर्मचारी नहीं माने तो उन पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया.

ये भी आरोप है- लाठीचार्ज के दौरान पुलिस ने अस्पताल के कर्मचारी नेता रजनीश शुक्ला को दौड़ाकर उनके ऊपर जमकर लाठी बरसाईं. उसी दौरान रजनीश शुक्ला को बचाने के लिए उनके भाई पुनीत शुक्ला वहां पहुंच गए. इसके बाद पुलिसकर्मी ने उन पर भी लाठीचार्ज कर दिया. उस दौरान पुनीत शुक्ला की गोद में बच्ची थी.

पुनीत शुक्ला का आरोप है, “पुलिस जब मेरे भाई को मार रही थी, तब मैं उसे बचाने के लिए गया तो पुलिस मुझे ही मारने लगी.” घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद एडीजी जोन कानपुर ने थाना प्रभारी विनोद कुमार मिश्रा को सस्पेंड कर दिया है.

हालांकि, इस मामले में कानपुर देहात पुलिस की तरफ से जारी बयान में बताया गया है, “घटना की सूचना के बाद मौके पर पहुंचे थानाध्यक्ष ने रजनीश शुक्ला और उनके साथी को समझाने का प्रयास किया, लेकिन रजनीश शुक्ला उग्र हो गए और उन्होंने थानाध्यक्ष पर हमला करते हुए उनका अंगूठा दांतों से काट लिया. पूरे अस्पताल में अराजकता का माहौल बन गया. इस स्थिति में हल्का बल प्रयोग कर उपद्रवियों को हटाया गया.”

(रंजय सिंह के इनपुट्स के साथ)

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