समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार पर किसानों के नाम पर छल प्रपंच की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए सोमवार को कहा कि किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह को 'भारत रत्न' सम्मान देने वाली सरकार अपनी मांगों को लेकर दिल्ली जाने का ऐलान करने वाले किसानों को रोकने जैसा 'लोकतंत्र विरोधी' कदम उठा रही है.
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यादव ने यहां एक बयान में आरोप लगाया, "भाजपा सरकार ने अपने पूरे कार्यकाल में किसानों को सिर्फ धोखा ही दिया है. भाजपा जोर जबरदस्ती से उनकी आवाज भी कुचलने का इरादा कर रही है."
उन्होंने कहा, ''किसान 13 फरवरी को केन्द्र की अंधी-बहरी सरकार के कानों तक अपनी मांगे पहुंचाने के लिए दिल्ली जाना चाहते हैं, मगर भाजपा सरकार उनको सुनना नहीं चाहती है. किसान अपनी परेशानियों की चर्चा न कर सकें इसके लिए दिल्ली की सीमा पर अवरोध खड़े किए जा रहे हैं. बार्डर सील कर सीमेंट के बैरिकेड लगा दिए गए हैं. किसानों के रास्ते में कीलें ठोक दी गई हैं. हरियाणा के सात जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं.''
यादव ने कहा, ''भाजपा का चरित्र भी कम विरोधाभासी नहीं है. एक ओर केन्द्र सरकार ने किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह जी को भारत रत्न दिया, वहीं दूसरी तरफ वह कृषकों पर बल प्रयोग कर उन्हें उत्पीड़ित कर रही है. किसानों के नाम पर भाजपा की छल प्रपंच की दोमुंही नीति अस्वीकार्य है. समाजवादी पार्टी किसानों की हर मांग का समर्थन करती है. किसान देश का अन्नदाता है. उसका अपमान देश की जनता का अपमान है. संविधान का अपमान है.”
उन्होंने कहा, “किसानों को दिल्ली पहुंचने से रोकना भाजपा सरकार का लोकतंत्र विरोधी कदम है. भाजपा सरकार का कृत्य अमानवीय और संवेदनहीन है.''
संयुक्त किसान मोर्चा (अराजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने घोषणा की है कि फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी के लिए कानून बनाने सहित कई मांगों को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के वास्ते 200 से अधिक किसान संगठन 13 फरवरी को दिल्ली तक मार्च करेंगे। किसानों को रोकने के लिये हरियाणा और दिल्ली में कई स्थानों पर कंक्रीट के अवरोधक, सड़क पर बिछने वाले नुकीले अवरोधक और कंटीले तार लगाकर राज्य सीमाओं को किले में तब्दील कर दिया गया है.
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