यूपी उपचुनाव : सीट बंटवारे को लेकर BJP सहयोगियों में रस्साकसी तेज! संजय निषाद ने चला प्रेशर पॉलिटिक्स वाला दांव

UP By Election 2024 : उत्तर प्रदेश  की 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव की अब तक तारिखों का एलान नहीं हुआ है लेकिन राजनीतिक पार्टियों में हलचल अभी से तेज है.

Sanjay Nishad, CM Yogi Adityanath

Sanjay Nishad, CM Yogi Adityanath

follow google news

UP By Election 2024 : उत्तर प्रदेश  की 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव की अब तक तारिखों का एलान नहीं हुआ है लेकिन राजनीतिक पार्टियों में हलचल अभी से तेज है. भाजपा ने सहयोगियों के बीच सीट बंटवारे का पत्ता खोला है फिर भी एनडीए के भीतर सीट बंटवारे को लेकर रस्साकसी तेज हो गई है. सहयोगी दल आरएलडी और सुभासपा ने भले ही अभी तक सीट को लेकर आवाज़ नहीं उठाई हो लेकिन निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने भाजपा पर दबाव बनाने के लिए नया सियासी दांव  चल दिया है. संजय निषाद  ने बड़ा कदम उठाते हुए  सभी 10 सीटों पर पार्टी के 10 विधायकों को प्रभारी के तौर पर उतार दिया है.

यह भी पढ़ें...

संजय निषाद ने बड़ा दांव

बीजेपी की ओर से उपचुनाव की तैयारी शुरू करने के बाद से ही संजय निषाद कटेहरी और मझवा सीट पर कई मंचो पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके हैं. बता दें कि 2022 के विधानसभा चुनाव में यह दोनों सीटें निषाद पार्टी के ही खाते में थी. मझवा पर जीत हुई लेकिन कटेहरी में निषाद पार्टी 5 हजार से अधिक मतों से पराजित हुई थी.

इस पूरे मामले पर यूपी तक ने उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री दयाशंकर सिंह से सवाल किया तो उन्होंने कहा कि, 'संजय निषाद सहयोगी दल के हैं और सभी मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं. वह सहयोग कर रहे हैं, उनके पार्टी के कार्यकर्ता भी चुनाव में लगे हैं इसलिए उन्होंने प्रभारी नियुक्त किए होंगे.' 

सपा-कांग्रेस ने भाजपा को घेरा

वहीं कांग्रेस और सपा इसे बीजेपी और सहयोगी दलों की आपसी फूट बता रही है. कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने यूपी तक से कहा कि, 'ऑल इस नॉट वेल इन बीजेपी, अब सहयोगी दल ही भाजपा से दो-दो हाथ करने को तैयार हैं. सरकार को इसीलिए कई प्रस्तावित कदम वापस लेने पड़े हैं. संजय निषाद भी बीजेपी पर दबाव बना रहे हैं.'


सपा नेता जूही सिंह ने कहा कि,  'बीजेपी ने समझौता सुविधा अनुसार किया है. सत्ता के लिए कोई विचारधारा का मिलान नहीं है इसीलिए संजय निषाद ने सीटों पर 10 विधायकों को प्रभारी घोषित कर दिया है. सत्ता में काबिज होने के लिए केवल समझौता करना बीजेपी की राजनीति है. बीजेपी में खुद में आपसी सामंजस्य नहीं है, आपसी कलह है कौन उप है और कौन मुख्य पता ही नहीं चलता है.'

'इंडिया' गठबंधन में भी सब ठीक नहीं

हालांकि, सीट बंटवारे को लेकर इंडिया गठबंधन में भी सब कुछ ठीक नहीं है. जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस सपा पर पांच सीटों का दबाव बना रही है तो वहीं समाजवादी पार्टी कांग्रेस को दो सीटें देना चाहती है. हालांकि, दोनों ही दलों के मुताबिक, आधिकारिक तौर पर आने वाले दिनों में बैठकों और फैसलों का दौर शुरू होगा, जिसमें सीट गठबंधन को लेकर नंबर फाइनल किया जाएगा.

    follow whatsapp