Uttar Pradesh By Election 2024 : उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव का प्रचार सोमवार शाम छह बजे थम गया. इन सीटों पर 20 नवंबर को मतदान होगा. इस उपचुनाव के प्रचार में भाजपा के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक समेत अन्य वरिष्ठ नेताओं ने जोर-शोर से हिस्सा लिया. वहीं, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव और मैनपुरी से सांसद डिंपल यादव समेत कई वरिष्ठ नेताओं ने अपनी पार्टी के प्रत्याशियों के लिए समर्थन जुटाया. बहुजन समाज पार्टी की ओर से प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल ने प्रचार की कमान संभाली। हालांकि कांग्रेस ने उपचुनाव में अपने उम्मीदवार नहीं उतारे और समाजवादी पार्टी का समर्थन किया.
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बता दें कि इन उपचुनावों में कुल 90 उम्मीदवार मैदान में हैं. सबसे ज्यादा 14 उम्मीदवार गाजियाबाद से और सबसे कम 5-5 उम्मीदवार खैर और सीसामऊ से चुनाव लड़ रहे हैं. 23 नवंबर को इन सीटों का परिणाम घोषित किया जाएगा. 2022 के चुनाव में सपा ने चार और भाजपा ने चार सीटें जीती थीं जबकि मीरापुर सीट पर राष्ट्रीय लोक दल का कब्जा था. हालांकि, कांग्रेस इस बार उपचुनाव नहीं लड़ रही है और ‘इंडिया’ गठबंधन के तहत सपा का समर्थन कर रही है. बहुजन समाज पार्टी सभी सीटों पर अपने दम पर चुनाव लड़ रही है. आइए जानते हैं इन नौ सीटों पर किसका पलड़ा भारी है.
1. कुंदरकी
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले की कुंदरकी विधानसभा सीट हो रहे उपचुनाव भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है. दोनों दलों के प्रत्याशी अपनी-अपनी तरफ से जोर-शोर से प्रचार में जुटे हुए हैं और मतदाताओं को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं. कुंदरकी क्षेत्र में 60% से अधिक आबादी मुस्लिम समाज की है. कुंदरकी में सपा ने मोहम्मद रिजवान को टिकट दिया है जबकि भाजपा ने रामवीर सिंह ठाकुर को अपना उम्मीदवार बनाया है.
2. मीरापुर
मीरापुर उपचुनाव में आजाद समाज पार्टी के जाहिद हुसैन, बहुजन समाज पार्टी के शाहनजर, समाजवादी पार्टी की सुम्बुल राणा और एआईएमआईएम से अरशद राणा के साथ-साथ एनडीए से रालोद प्रत्याशी मिथलेश पाल मैदान में हैं. इस चुनाव में सपा प्रत्याशी सुम्बुल राणा और रालोद प्रत्याशी मिथलेश पाल के बीच की सीधी सीधी टक्कर होना बताया जा रहा है.
3. गाजियाबाद
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद शहर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में 14 प्रत्याशियों के बीच मुकाबला होगा. भारतीय जनता पार्टी ने संजीव शर्मा को मैदान में उतारा है, जबकि समाजवादी पार्टी ने सिंह राज जाटव को अपना प्रत्याशी नियुक्त किया है. बहुजन समाज पार्टी ने पीएन गर्ग को चुना है. इसके अलावा, एआईएमआईएम ने रवि गौतम और आजाद समाज पार्टी ने सत्यपाल चौधरी को चुनावी मैदान में उतारा है. मुख्य मुकाबला भाजपा और सपा के बीच बताया जा रहा है.
4. फूलपुर
फूलपुर विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव के लिए सभी दलों ने अपनी ताकत झोंक दी है.भाजपा ने अपने प्रत्याशी के रूप में दीपक पटेल को मैदान में उतारा है, जिनकी माँ केसरी देवी पटेल इस क्षेत्र की पूर्व सांसद रह चुकी हैं. बसपा के जितेंद्र कुमार सिंह और चंद्रशेखर आजाद की आजाद समाज पार्टी के शाहिद अख्तर खान भी मुकाबले में हैं. जातिगत समीकरण और ध्रुवीकरण पर निर्भर यह चुनाव बीजेपी, सपा या बसपा किसी के लिए भी आसान नहीं है. फूलपुर विधानसभा सीट पर जातीय समीकरण भी महत्वपूर्ण हैं. यहां यादव मतदाता, दलित, मुस्लिम, और कुर्मी मतदाता इस सीट पर निर्णायक भूमिका निभाते हैं.
5. कटेहरी
कटेहरी विधानसभा सीट पर भाजपा, सपा और बसपा के बीच त्रिकोणीय संघर्ष देखने को मिल रहा है. इस उपचुनाव में भाजपा ने पूर्व कैबिनेट मंत्री धर्मराज निषाद को प्रत्याशी बनाया है, जबकि सपा ने सांसद लालजी वर्मा की पत्नी शोभावती वर्मा को मैदान में उतारा है. बसपा ने भी अपनी ताकत दिखाते हुए अमित वर्मा को उम्मीदवार नियुक्त किया है, जो कांग्रेस का जिलाध्यक्ष का पद छोड़कर आए हैं. धर्मराज निषाद की यह परंपरागत सीट मानी जा रही है. उन्होंने पहले भी कटेहरी से तीन बार विधायक रहकर अपनी सियासी ताकत दिखा चुके हैं.
6. मझवा.
मिर्जापुर लोकसभा मेंआने वाली मझवा बीजेपी के सहयोगी निषाद पार्टी के विधायक विनोद बिंद के इस्तीफे के बाद खाली हुई है. विनोद बिंद बीजेपी के टिकट पर भदोही लोकसभा सीट से जीत दर्ज की हैं. वहीं उपचुनाव में इस सीट से समाजवादी पार्टी (सपा) से डॉ. ज्योति बिन्द, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से सुचिस्मिता मौर्य और बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) से दीपक तिवारी ‘दीपू’ चुनावी मैदान में हैं. मझवां में वर्तमान परिस्थितियों को देखकर लगता है कि सपा, बीजेपी और बीएसपी के बीच मुकाबला कड़ा होगा.
7. खैर
लोकसभा चुनाव में मिली जीत बीजेपी विधायक अनूप प्रधान अलीगढ़ के खैर सीट से इस्तीफा दे दिया है. अनूप प्रधान के इस्तीफे के बाद अलीगढ़ की खैर विधानसभा सीट उपचुनाव होना है. यहां से चुनावी समीकरणों की तस्वीर फिलहाल साफ होती नजर नहीं आ रही है लेकिन सपा और भाजपा में सीधा मुकाबला होने की संभावना है. इस उपचुनाव में भाजपा ने सुरेंद्र दिलेर को अपना उम्मीदवार बनाया है. भाजपा का मुकाबला इस बार 2022 में बसपा प्रत्याशी रहीं इस बार सपा से चुनाव लड़ रहीं चारू कैन से है. वहीं बसपा ने पहल सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है.
8. सीसामऊ
कानपुर के सीसामऊ विधानसभा सीट पर इरफान सोलंकी के इस्तीफे के बाद यहाँ उपचुनाव हो रहा है. सपा ने यहां से उनकी पत्नी नसीम सोलंकी को उम्मीदवार बनाया है. जबकि भाजपा ने सुरेश अवस्थी को मैदान में उतारा है। बसपा ने भी अपना उम्मीदवार वीरेंद्र कुमार को इस चुनावी दंगल में खड़ा किया है. यहां पिछले 28 सालों से कमल नहीं खिला है, यानी भाजपा की यहां जीत नहीं हुई है. बता दें कि यहां कुल लगभग 2 लाख 70 हजार वोटर हैं. इनमें मुस्लिम करीब 1 लाख हैं और ब्राह्मण और अनुसूचित जाति के लगभग 60-60 हजार वोटर हैं. इस सीट पर मुस्लिम, ब्राह्मण और दलित वोटर मुख्य भूमिका निभाते हैं.
9. करहल
करहल से भाजपा ने अनुजेश प्रताप सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया है तो वहीं सपा ने तेज प्रताप सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है. वहीं बसपा ने यहां से डा. अवनीश कुमार को प्रत्याशी बनाया है. इस उपचुनाव का मुख्य मुकाबला समाजवादी पार्टी (सपा) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच है. अखिलेश यादव के इस्तीफे से खाली हुई इस सीट पर सपा अपनी पकड़ बरकरार रखना चाहती है, जबकि भाजपा यहां जीत दर्ज कर करहल में मिथक तोड़ने का इरादा रखती है.
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