उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक दल हर संभव तरीके से खुद को मजबूत करने की कोशिशों में दिख रहे हैं. इसी सिलसिले में कई गठजोड़ भी बन रहे हैं.
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इस बीच समाजवादी पार्टी (एसपी) चीफ अखिलेश यादव 16 दिसंबर को प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष और अपने चाचा शिवपाल सिंह यादव से मिलने उनके लखनऊ स्थित घर पहुंचे.
इस मुलाकात के बाद अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा है, ”प्रसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी से मुलाकात हुई और गठबंधन की बात तय हुई. क्षेत्रीय दलों को साथ लेने की नीति सपा को निरंतर मजबूत कर रही है और सपा और अन्य सहयोगियों को ऐतिहासिक जीत की ओर ले जा रही है.”
बता दें कि यह मुलाकात पूरे पारिवारिक अंदाज में हुई. अखिलेश ने शिवपाल के पांव छुए तो शिवपाल भावुक हो गए. शिवपाल यादव ने भतीजे को गले भी लगाया.
गौरतलब है कि शिवपाल सिंह यादव ने हाल ही में कहा था कि उनकी प्राथमिकता समाजवादी पार्टी (एसपी) के साथ गठबंधन की है.
साल 2016 के अंत में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनके चाचा कैबिनेट मंत्री शिवपाल के बीच सत्ता और संगठन पर वर्चस्व की जंग शुरू हो गई थी. उसके बाद अखिलेश ने शिवपाल और उनके विश्वासपात्र मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया था. विधानसभा चुनाव से ऐन पहले एक जनवरी 2017 को अखिलेश को एसपी अध्यक्ष बना दिया गया था. बाद में शिवपाल ने एसपी से अलग होकर अपनी पार्टी गठन कर लिया था.
हालांकि शिवपाल शुरू से ही सभी ‘समाजवादियों’ के एकजुट होने की पैरवी कर रहे थे और उन्होंने एसपी से गठबंधन का संदेश भी कई बार पहुंचाया था. अखिलेश ने भी कई मौकों पर कहा कि वह सरकार बनने पर चाचा और उनके सहयोगियों का पूरा सम्मान रखेंगे.
इस बीच, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने शिवपाल और अखिलेश की इस मुलाकात पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए दावा किया, ‘साल 2022 में एक बार फिर 300 से अधिक सीटें जीतकर बीजेपी की सुशासन वाली सरकार बनने जा रही है. चाचा भतीजे मिलें, चाहे बुआ भतीजे मिलें, चाहे कांग्रेस और एसपी मिलें या फिर सारे मिल जाएं तब भी खिलना तो कमल ही है.”
(भाषा के इनपुट्स के साथ)
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