उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पश्चिमी यूपी के बड़े जाट नेता और राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के प्रमुख जयंत चौधरी ने शुक्रवार, 29 जनवरी को प्रदेश की जनता के नाम एक भावनात्मक पत्र जारी किया. इस पत्र में जयंत ने अपने दादा और पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के साथ-साथ अपने पिता और पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी अजीत सिंह को याद करते हुए कहा कि उन्होंने किसान, मजदूर और वंचितों को उनके अधिकार दिलाए थे.
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इसके अलावा, जयंत ने इस पत्र में प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर भी जमकर निशाना साधा. आरएलडी चीफ ने आरोप लगाते हुए कहा कि ‘सत्ताधीशों ने सामाजिक द्वेष, जातिगत और धार्मिक उन्माद फैलाकर जनता को बांटने का काम किया है.’
पत्र में पिता और दादा का उल्लेख करते हुए आरएलडी चीफ ने कहा,
“उत्तर प्रदेश, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री, मेरे पूजनीय दादाजी श्रद्धेय स्व. चौधरी चरण सिंह जी की कर्मभूमि है. उन्होंने देश के किसानों को उनके अधिकार दिलाए और वंचित, ग्रामीण समाज का सहारा बने. उनके उपरांत आप सभी के सहयोग और साथ से मेरे पिताजी स्व. चौधरी अजित सिंह जी ने किसानों-मजदूरों के आर्थिक उत्थान का रास्ता खोला उनके सच्चे और सरल स्वभाव को आप सभी ने खुद महसूस किया होगा. ये दोनों हमारी स्मृतियों में सदैव रहेंगे.”
जयंत चौधरी
योगी सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए जयंत चौधरी ने कहा, “जैसा कि आप सभी जानते हैं कि यूपी में बीते पांच साल सत्ता में बैठे लोगों की दुर्भावनाओं और कुशासन के कारण, जनविरोधी रहे हैं. किसान के बढ़ते बोझ के विरुद्ध जब जब स्वर उठे, उन्हें कुचलने का प्रयास हुआ. सत्ताधीशों ने सामाजिक द्वेष, जातिगत और धार्मिक उन्माद फैलाकर जनता को बांटने का काम किया. जहां मौजूदा सरकार में साल दर साल दलितों के खिलाफ अत्याचार बड़े हैं, तो वहीं महिलाओं की सुरक्षा भी सवालों के घेरे में रही है.”
अंत में लोगों से इमोशनल अपील करते हुए आरएलडी मुखिया ने कहा, “मैं करबद्ध होकर पुनः आप सभी से आपका स्नेह और आशीर्वाद मांगता हूं. आपको विश्वास दिलाता हूं कि मैं सदैव आपके हित के संरक्षण के लिए समर्पित रहूंगा. जाति और धार्मिक पहचान पर टिके भेदभाव के विरुद्ध, आपके नागरिक अधिकारों और हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रतिबद्ध रहूंगा.”
आपको बता दें कि 2022 का यूपी विधानसभा चुनाव पश्चिम उत्तर प्रदेश से शुरू होकर पूर्वांचल की ओर जाएगा. चुनाव के पहले चरण में 10 फरवरी को मतदान किया जाएगा. ऐसे में वोटिंग से ठीक पहले जयंत चौधरी का यह पत्र मतदाताओं को लुभाने में कितना कारगर सिद्ध होगा, इसकी तस्वीर 10 मार्च को वोटों की गिनती के दौरान साफ हो जाएगी.
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