MLC चुनाव में राजा भैया ने कर दिया खेल, बोले- जिसने हमसे वोट मांगा, उसी को दिया

समर्थ श्रीवास्तव

29 May 2023 (अपडेटेड: 29 May 2023, 05:18 PM)

Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश विधान परिषद की दो खाली सीटों के लिए वोटिंग चल रही है. इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) और…

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Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश विधान परिषद की दो खाली सीटों के लिए वोटिंग चल रही है. इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) और समाजवादी पार्टी (सपा) के दो-दो उम्मीदवार मैदान में हैं. इस बीच चुनाव के संदर्भ में राजा भैया को लेकर बड़ी खबर आ रही है. राजा भैया ने बीजेपी प्रत्याशी को वोट कर दिया है और बकायदा इसकी वजह भी बताई है.

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राजा भैया ने UP Tak से बात करते हुए कहा कि हमने बीजेपी प्रत्याशी को वोट दिया है, क्योंकि उन्होंने ही हमसे वोट मांगा और किसी ने नहीं मांगा, तो नहीं दिया. जाहिर तौर पर राजा भैया इशारा करते नजर आए कि उन्हें विपक्ष ने तो समर्थन के लिए अप्रोच भी नहीं किया.

राजा भैया इस चुनाव को लेकर तंज भी कसते नजर आए. बाहुबली विधायक ने कहा कि यह चुनाव होना ही नहीं चाहिए था, कोई औचित्य नहीं था. इसके पहले ऐसा कोई उदाहरण देखने को नहीं मिला. पहले भी उपचुनाव हुए है लेकिन कभी ऐसे चुनाव नही हुआ.

नए संसद भवन को लेकर कही ये बात

राजा भैया ने नए संसद भवन को लेकर भी अपनी राय सामने रखी है. राजा भैया ने कहा कि,’संसद बहुत सुंदर लग रही है, बाकी तो अब जाकर देखेंगे, जिन दलों ने बहिष्कार किया वह बहुत गलत किया, ऐसा नही करना चाहिए था. ताबूत से संसद को जोड़ना घटियापन है.’ असल में पीएम मोदी ने 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन किया. विपक्ष ने इस कार्यक्रम का विरोध किया था, क्योंकि उनकी मांग थी कि यह उद्घाटन राष्ट्रपति के हाथों से होना चाहिए था.

आपको बता दें कि विधान परिषद सदस्य लक्ष्मण आचार्य के इस्तीफे से MLC की एक सीट खाली हुई है. इसके अलावा यूपी में बनवारी लाल दोहरे के निधन से भी एक सीट खाली हुई है. इस तरह से दो सीटों खाली हैं, जिनको लेकर चुनाव हो रहा है. भाजपा ने मानवेंद्र सिंह और पदमसेन चौधरी को अपना उम्मीदवार बनाया है, जबकि समाजवादी पार्टी ने राम जतन राजभर और रामकरण निर्मल को अपना उम्मीदवार बनाया है. लक्ष्मण आचार्य कुछ समय पूर्व सिक्किम के राज्यपाल बनाए गए थे. आचार्य का कार्यकाल जनवरी 2027 तक और दोहरे का कार्यकाल छह जुलाई 2028 तक था.

माना जाता है कि सपा ने लोगों को यह संदेश देने के लिए अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है कि वह सत्ताधारी दल को बिना लड़ाई के आसानी से जीतने नहीं देगी. इन सीटों पर विधानसभा के सदस्य ही मतदान करेंगे और विधानसभा में सत्तारूढ़ भाजपा के बहुमत में होने के कारण पार्टी के दोनों प्रत्याशियों की जीत तय मानी जा रही है.

उत्तर प्रदेश की 403 सदस्यीय विधानसभा में सत्तारूढ़ भाजपा के 255 विधायक हैं, उसके सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) के विधायकों की संख्या 13 है. भाजपा की एक अन्य सहयोगी निषाद पार्टी के छह विधायक हैं. समाजवादी पार्टी (सपा) के 109 विधायक हैं, जबकि उसके सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के नौ विधायक हैं। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के छह विधायक हैं, कांग्रेस और जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) के दो-दो विधायक हैं और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के पास विधानसभा में एक सदस्य है.

(भाषा इनपुट के साथ)

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