अखिलेश यादव ने शनिवार सुबह मुख्तार अंसारी के बड़े भाई सिबगतुल्लाह अंसारी को उनके समर्थकों के साथ समाजवादी पार्टी की सदस्यता दिलाई. सिबगतुल्लाह के एसपी में शामिल होने के बाद से ही बीजेपी ने एसपी पर हमला बोल दिया है. बीजेपी ने ट्वीट किया, “यही है एसपी का असली चेहरा. किसी तरह सत्ता हाथ आ जाए भले ही माफिया मुख्तार अंसारी के परिवार से हाथ मिलाना पड़े, लेकिन उन्हें ये भूलना नहीं चाहिए कि यूपी का मुख्यमंत्री कौन है?”
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“जब तक एसपी की सरकार रही उन्होंने गुंडई को बढ़ावा दिया”
सिबगतुल्लाह अंसारी के एसपी में शामिल होने पर कैबिनेट मंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा, “समाजवादी पार्टी की सत्ता पाने की छटपटाहट यह बता रही है कि उनके पास ना कोई नीति है और ना उनका कोई आचरण है. जब तक एसपी की सरकार रही उन्होंने अराजकता और गुंडई को बढ़ावा देने का काम किया. सामान्य जनमानस अंसारी बंधुओं से किस तरह से भय खाता है यह किसी से छुपा नहीं है. जो लोग कानून व्यवस्था को खराब कर रहे हैं, हमारी सरकार ने ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की है.”
उन्होंने आगे कहा, “समाजवादी पार्टी कानून व्यवस्था के साथ खिलवाड़ करने वालों के साथ रही है. यही उनका असल चेहरा है.”
“एसपी की साइकिल का पहिया बिना अपराधियों के पैडल मारे नहीं घूम सकता”
वहीं, इस मामले में बीजेपी के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा, “समाजवादी पार्टी की साइकिल का पहिया बिना अपराधियों के पैडल मारे नहीं घूम सकता. मुख्तार अंसारी के परिवार को फिर समाजवादी पार्टी में शामिल करके अखिलेश यादव ने इसे प्रमाणित कर दिया है. एसपी-बीएसपी ने उत्तर प्रदेश में ‘अपराध और अपराधी’ दोनों को बढ़ावा दिया है.”
सिबगतुल्लाह के साथ पूर्व मंत्री अम्बिका चौधरी की भी एसपी में वापसी
आपको बता दें कि सिबगतुल्लाह अंसारी 2007 में सपा और 2012 में कौमी एकता दल से गाजीपुर के मोहम्मदाबाद विधानसभा से विधायक रहे हैं. इसके बाद 2017 में वह बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर मैदान में उतरे, लेकिन पराजय का सामना करना पड़ा. सिबगतुल्लाह अंसारी के साथ-साथ अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेताओं में शुमार रहे पूर्व मंत्री अम्बिका चौधरी की भी घर वापसी कराई है.
मुख्तार को लेकर हमलावर रही है बीजेपी
वहीं, बीएसपी विधायक मुख्तार अंसारी काफी समय से बांदा जेल में बंद हैं. योगी सरकार मुख्तार अंसारी को लेकर काफी हमलावर रही है. मुख्तार के खिलाफ पुलिसिया कार्रवाई के बीच अखिलेश यादव का यह कदम पूर्वांचल की राजनीति में कितना असर दिखाएगा, ये चुनावी नतीजे तय करेंगे.
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