UP Nikay Chunav Update: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने मंगलवार को राज्य सरकार के नगरीय निकाय चुनाव संबंधी मसौदा अधिसूचना को रद्द करते हुए उत्तर प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव बिना ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) आरक्षण के कराने का आदेश दिया. न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति सौरभ लवानिया की पीठ ने यह आदेश दिया. इस फैसले से राज्य में शहरी स्थानीय निकाय चुनाव कराने का रास्ता साफ हो गया है. फैसला सामने आने के बाद यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट कर अपनी प्रतिक्रिया दी.
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उन्होंने कहा,
“नगरीय निकाय चुनाव के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद के आदेश का विस्तृत अध्ययन कर विधि विशेषज्ञों से परामर्श के बाद सरकार के स्तर पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा,परंतु पिछड़े वर्ग के अधिकारों को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा!”
केशव प्रसाद मौर्य
वहीं, ऐसी खबर सामने आई है कि निकाय चुनाव को लेकर हाईकोर्ट के फैसले के बाद आज यानी मंगलवार शाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बैठक कर सकते हैं. इस बैठक में आगे की रणनीति पर फैसला लिया जा सकता है. सूत्रों के अनुसार, हाईकोर्ट के फैसले को सरकार सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकती है.
आपको बता दें कि अपना दल (एस) यानी अनुप्रिया पटेल की पार्टी ने कहा है कि अदालत के फैसले से वह सहमत नहीं हैं. पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और योगी सरकार में मंत्री आशीष पटेल ने कहा की जरूरत पड़ी तो उनकी पार्टी अपना दल एस इस मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी.
सपा ने भाजपा पर साधा निशाना
सपा प्रवक्ता सुनील सजान ने कहा, “भाजपा हमेशा चाहती है पिछड़े समाज का आरक्षण कैसे छीना जाए…भाजपा जो सोचती थी उसी हिसाब से उसने न्यायालय के सामने पक्ष रखा. ये सरकार और अधिकारियों का निक्कमापन है. सरकार चाहती तो 6 महीने पहले आयोग बनाकर पिछड़ों को आरक्षण दिला सकती थी.”
आपको बता दें कि पीठ ने उत्तर प्रदेश में शहरी स्थानीय निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के लिए राज्य सरकार द्वारा पांच दिसंबर को तैयार मसौदा अधिसूचना को रद्द करते हुए निकाय चुनावों को बिना ओबीसी आरक्षण के कराने के आदेश दिए हैं.
उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुसार ‘ट्रिपल टेस्ट फॉर्मूले’ के बिना सरकार द्वारा तैयार किए गए ओबीसी आरक्षण के मसौदे को चुनौती देने वाली जनहित याचिकाओं पर उच्च न्यायालय का यह फैसला आया.
UP निकाय चुनाव के लिए रास्ता हुआ साफ, HC ने सरकार द्वारा जारी OBC आरक्षण किया रद्द
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