Uttar Pradesh By Election : उत्तर प्रदेश में उपचुनाव 2024 के लिए समाजवादी पार्टी ने छह प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की है, जिससे राज्य की राजनीतिक हवाओं में नई हलचल मच गई है. इस घोषणा पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. अजय राय ने कहा कि, 'सीटों पर कोई चर्चा नहीं हुई है, राष्ट्रीय अध्यक्ष इस पर निर्णय लेंगे. गठबंधन (INDIA गठबंधन) बना रहेगा.' उनका मानना है कि जो निर्देश पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से प्राप्त होंगे, उसी आधार पर आगे की रणनीति तय की जाएगी.
ADVERTISEMENT
अजय राय ने कही ये बात
समाजवादी पार्टी के इस कदम का असर कांग्रेस के खेमे में स्पष्ट देखा जा सकता है. बता दें कि कांग्रेस ने पहले ही पांच सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की थी और अब पार्टी में मंथन का दौर शुरू हो गया है. अजय राय ने कहा कि कांग्रेस का निर्णय हाईकमान के निर्देशों के आधार पर ही होगा.
वहीं कांग्रेस प्रवक्ता अंशू अवस्थी ने कहा कि, 'समाजवादी पार्टी को जहां पर चुनाव लड़ना है वहां पर उन्होंने अपने प्रत्याशी घोषित किए हैं, कांग्रेस पार्टी को जहां पर चुनाव लड़ना है हम शीघ्र अपने प्रत्याशी घोषित करेंगे. भाजपा पहले ही हार मान चुकी है इसलिए भ्रमकता फ़ैला रही है. हमारा इंडिया गठबंधन पूरी मजबूती से एक साथ है, जैसे लोकसभा चुनाव के समय था. हरियाणा के चुनाव में यह स्पष्ट कर दिया है कि बिना कांग्रेस के भारतीय जनता पार्टी को हराया नहीं जा सकता. हरियाणा में जिस तरीके से कांग्रेस जनादेश को मिल रहा था लेकिन हरियाणा के लोगों के जनादेश को तंत्र के तहत खड्यंत्र से भाजपा ने लूटा है. हमें मिलकर संविधान बचाना है, देश के लोकतंत्र को बचाना है. भाजपा की तानाशाही से लड़ना है इसलिए जीत और स्वार्थ से ज्यादा एक साथ खड़े रहना है. हम सब एक साथ हैं. 10 के 10 सीटों पर उपचुनाव में इंडिया गठबंधन जीतेगा भाजपा हारेगी.'
सपा ने किया प्रत्याशियों का एलान
बता दें कि समाजवादी पार्टी ने करहल से तेज प्रताप सिंह यादव, सीसामऊ से नसीम सोलंकी, फूलपुर से मुफ्तफा सिद्दीकी, मिल्कीपुर से अजीत प्रसाद, कटेहरी से शोभावती वर्मा और मझंवा से ज्योति बिंद को प्रत्याशी बनाया है. हरियाणा विधानसभा चुनाव के बाद यूपी में दस सीटों पर उपचुनाव की घोषणा का इंतजार है. ऐसी उम्मीद है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के साथ ही यूपी उपचुनाव संपन्न होंगे. कांग्रेस ने पहले यूपी की कुछ सीटों पर दावा किया था, लेकिन सपा के इस कदम से काफी सियासी मायने निकल रहे हैं.
ADVERTISEMENT