Anupriya Patel News: केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल और उनकी पार्टी अपना दल (S) साल 2014 से ही भाजपा के नेतृत्व वाले NDA का हिस्सा हैं. 2024 का लोकसभा चुनाव भी अनुप्रिया पटेल ने NDA के साथ मिलकर लड़ा. मगर इस बार खुद अनुप्रिया पटेल और उनकी पार्टी का प्रदर्शन वैसा नहीं रहा, जैसे 2014 और 19 में थे. लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद से अनुप्रिया पटेल सूबे की योगी सरकार को सवालों के घेरे में रखती हुई नजर आईं. चाहे आरक्षण का मुद्दा हो या 69000 शिक्षकों की भर्ती मसला, अनुप्रिया पटेल ने सार्वजानिक तौर पर योगी सरकार को निशाने पर लिया. इस बीच न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में अनुप्रिया ने साफतौर पर कहा है कि कुछ ऐसे मामले थे जिनका हल यूपी सरकार नहीं निकाल पाई, जिसकी वजह से चुनाव में नुकसान हुआ. खबर में आगे जानिए अनुप्रिया पटेल ने क्या-क्या कहा?
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अनुप्रिया पटेल ने कहा, "उत्तर प्रदेश में उम्मीद के मुताबिक नतीजे नहीं मिले. मोदी-1 और मोदी-2 सरकार में उत्तर प्रदेश का बड़ा हाथ रहा है, इसलिए यूपी से उम्मीदें इस बार ज्यादा थीं. मगर चुनाव में बीच में फेक प्रोपेगेंडा और गलत नरेटिव- जैसे कि संविधान से आरक्षण खत्म कर दिए जाएगा का हमने सही ढंग से काउंटर नहीं किया. पिछले 10 सालों से पिछड़ा वर्ग के लिए मोदी सरकार ने बहुत काम किए हैं. इस बात को विश्वास करना मुश्किल हो रहा है कि वे लोग गलत नरेटिव का शिकार हो गए."
अनुप्रिया ने सीएम योगी को क्यों लिखा पत्र?
अनुरपिया पटेल ने कहा, "पहली बात तो यह है कि एक अलायंस के रूप में मेरा दायित्व यही था कि मैं बंद कमरे में मसलों को उठाऊं. 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले मैंने इन मसलों को बंद कमरे के भीतर सेन्ट्रल लीडरशिप के सामने उठाया इसलिए ओबीसी और एससी/एसटी के लिए अतरिक्त सीटें बढ़ाने का नोटिफिकेशन जारी हुआ. मगर ये मसला कोर्ट में जाकर फंस गया. कोर्ट में जब मसला फंसा था राज्य सरकार का दायित्व था कि वो उसका समाधान निकाले, लेकिन ऐसा नहीं हुआ हुआ. इसलिए 2024 के पहले कहीं न कहीं लोगों के मन में एक भय व्याप्त था कि आप हमारे लिए प्रयास नहीं कर रहे हैं. जब परिणाम आए तो सुखद नहीं रहे, इसलिए मुझे कहना पड़ा कि हम आपसे बहुत समय से कह रहे हैं इसलिए अब आपको इस मुद्दे को संज्ञान में लेना चाहिए."
अनुप्रिया ने सपा पर बोला हमला
सपा कह रही है कि अगर भाजपा की 300 सीटें आ जातीं तो अपना दल (एस) प्रमुख सीएम योगी को पत्र नहीं लिखतीं? इसपर अनुप्रिया पटेल ने कहा, "वो जनता को बेवकूफ बना रहे हैं. जब सांसद और मंत्री होने के नाते भी मैं अपने मुद्दों को उठती रही हूं. जब भी मैं ऑल पार्टी मीटीं में जाती हूं, तब सपा और कांग्रेस वालों ने मुझे रक्षा मंत्री, गृह मंत्री और प्रधानमंत्री के सामने मुद्दों को रखते हुए देखा है. जब अखिलेश सत्ता में थे तब उन्होंने कभी भी जातिगत जनगणना की मांग नहीं की. मगर अब जब वो सत्ता के बाहर हैं, तब इसकी मांग कर रहे हैं."
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