लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक पारित हो गया. इसके पक्ष में 454 मत पड़े जबकि दो सांसदों ने इसके विरोध में मतदान किया. नए संसद भवन में कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने मंगलवार को महिला आरक्षण से जुड़ा विधेयक पेश किया था. इस विधेयक में लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान किया गया है.
ADVERTISEMENT
लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पारित होने पर सपा सांसद डिंपल यादव ने कहा,
“मैं सभी माताओं, बहन, बेटियों को बधाई देना चाहूंगी. एक ऐतिहासिक बिल पास हुआ है लेकिन सरकार की तरफ से इस बिल को लाने में देरी हुई है.”
उन्होंने आगे कहा कि अब चूंकि चुनाव में एक साल से भी कम समय बचा है तो उसे देखते हुए और INDIA गठबंधन की मजबूती देखते हुए सरकार यह बिल लेकर आई है.
गौरतलब है कि लोकसभा में डिंपल यादव ने सरकार से आग्रह किया कि महिलाओं के लिए आरक्षण के प्रावधान वाले ‘नारीशक्ति वंदन विधेयक’ में अनुसूचित जाति और अनुसूसित जनजाति (एससी/एसटी) के साथ ही अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी)और अल्पसंख्यक वर्ग की महिलाओं के लिए अलग कोटा निर्धारित किया जाए.
डिंपल यादव ने कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि जाति जनगणना कब होगी और परिसीमन कब होगा.
बता दें कि ‘नारीशक्ति वंदन विधेयक’ के कानून बन जाने के बाद 543 सदस्यों वाली लोकसभा में महिला सदस्यों की संख्या मौजूदा 82 से बढ़कर 181 हो जाएगी. राज्य विधानसभाओं में भी महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीट आरक्षित हो जाएंगी.
कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने मंगलवार को लोकसभा में कहा था कि विधेयक में फिलहाल 15 साल के लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया है और संसद को इसे बढ़ाने का अधिकार होगा. केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया था कि महिलाओं की आरक्षित सीट में भी अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण होगा.
ADVERTISEMENT