Prayagraj News: उमेश पाल और उनके सुरक्षा में लगे गनर की सरेआम हत्या ने उत्तर प्रदेश को हिला कर रख दिया है. बता दें कि उमेश पाल बसपा विधायक रहे राजू पाल की हत्या के मुख्य गवाह थे. बसपा विधायक की हत्या साल 2005 में की गई थी.
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बीते शुक्रवार को प्रयागराज के धूमनगंज इलाका बम और गोलियों से गूंज उठा था. सरेआम बीच रोड पर उमेश पाल की गोलियों और बम से हमला कर हत्या कर दी गई थी. बता दें कि शुक्रवार को हुई घटना के बाद बीते शनिवार को उमेश पाल के शव का पोस्टमॉर्टम किया गया. इसके साथ ही शहीद यूपी पुलिस के जवान के शव का भी पोस्टमॉरटम किया गया. इसके बाद दोनों के शवों को परिवार को सौंप दिया गया.
उमेश पाल के शव का किया गया अंतिम संस्कार
पोस्टमॉर्टम के बाद यूपी पुलिस के गनर का शव प्रयागराज के पुलिस लाइन में लाया गया और अंतिम सलामी दी गई. इसके बाद परिजन शहीद पुलिसकर्मी के शव को लेकर आजमगढ़ रवाना हो गए. तो वही पोस्टमॉर्टम के बाद उमेश पाल का शव भी परिवार को सौंप दिया गया. परिवार ने प्रयागराज के दारागंज घाट पर पूरे रीति रिवाज के साथ उमेश पाल का अंतिम संस्कार कर दिया. इस दौरान भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहा.
उमेश पाल को मारी गई थी 7 गोलियां
मिली जानकारी के मुताबिक, कई डॉक्टरों के पैनल में हुए पोस्टमॉर्टम के बाद सामने आया कि बदमाशों ने उमेश पाल को 7 गोलियां मारी थी. यह बात भी सामने आई है की उमेश पाल को 13 इंजरी शरीर में हुई है. इस दौरान मृतक उमेश पाल के समर्थकों ने पोस्टमॉर्टम हाउस के बाहर जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और घटना के खुलासे की मांग की.
भाई ने किया अंतिम संस्कार और की ये मांग
प्रयागराज के दारागंज घाट पर मृतक उमेश पाल का अंतिम संस्कार पूरे रीति रिवाज के साथ उनके बड़े भाई अशोक पाल ने किया. इस दौरान अशोक पाल ने कहा कि उनके पूरे परिवार को अब सुरक्षा प्रदान की जाए और उमेश पाल की पत्नी को नौकरी के साथ उचित मुआवजा दिया जाए.
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