समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने उमेश पाल अपहरण मामले में माफिया अतीक अहमद (Atique Ahmed) को उम्रकैद की सजा दिए जाने पर प्रतिक्रिया दी है.
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कानपुर जिले में आयोजित खटीक सम्मेलन में अखिलेश यादव ने कहा कि अतीक को कोर्ट से सजा हुई, वह कोर्ट का मामला है. साथ ही उन्होंने सरकार से पूछा कि आखिर सुरक्षा होते हुए भी गवाह (उमेश पाल) की हत्या कैसे हुई?
बता दें कि प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट ने पूर्व विधायक राजू पाल हत्याकांड मामले के प्रमुख गवाह रहे उमेश पाल के अपहरण के करीब 17 साल पुराने मामले में अतीक अहमद समेत तीन आरोपियों को मंगलवार को दोषी करार दिया. कोर्ट ने तीनों को उम्रकैद की सजा सुनाई है.
24 फरवरी को प्रयागराज में उमेश पाल और उसकी सुरक्षा में तैनात दो पुलिसकर्मियों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
बीजेपी सरकार पर साधा निशाना
अखिलेश यादव ने कहा कि ये बीजेपी सरकार सत्ता में रही तो सविधान को खत्म करेगी. साल 2024 का चुनाव (लोकसभा) सविधान बचाने का आखिरी चुनाव है. अगर आगे ये जीतते हैं तो ये दूसरा सविधान लाएंगे. उन्होंने कहा कि बीजेपी हमारा हक छीन रही है. बीजेपी वाले कहते हैं कि सब कुछ यादवों ने छीन लिया है.
सपा चीफ ने कहा कि सरकार कहती है कि सबकी आय दुगनी हो गई, लेकिन आय सिर्फ बीजेपी की बढ़ी है. उन्होंने कहा कि ‘सदन में मैंने मांग की कि टॉप टेन माफिया की सूची जारी कर दो, अभी तक सूची जारी नहीं की भारतीय जनता पार्टी ने. जब भी सूची जारी होगी उसमें सबसे ज्यादा भाजपा के लोग होंगे.’
सपा मुखिया ने कहा कि ‘बीजेपी के लोग कहते हैं कि अब केवल 4 परसेंट है बेरोजगारी दर, इसका मतलब यह है कि 100 में केवल 4 लोग बेरोजगार हैं. जितने बड़े पैमाने पर बेरोजगारी है आप कल्पना नहीं कर सकते.’
अखिलेश ने राहुल गांधी को लेकर क्या कहा?
अखिलेश यादव ने कहा कि ‘कांग्रेस पार्टी के बड़े नेता राहुल गांधी जी की सदस्यता छीन ली गई. मैं याद दिलाना चाहता हूं कि सबसे पहले अगर किसी की सदस्यता छीनी गई तो वह आदरणीय आजम खान साहब की छीनी गई.’
गौरतलब है कि सूरत की एक अदालत की ओर से ‘मोदी उपनाम’ को लेकर की गई टिप्पणी से जुड़े मानहानि के मामले में राहुल गांधी को दोषी ठहराते हुए उन्हें दो साल की सजा सुनाई गई है. इसके बाद उन्हें लोकसभा की सदस्यता से ‘अयोग्य’ घोषित कर दिया था.
सपा चीफ ने कहा कि ‘क्षेत्रीय दल अपनी जगह बहुत मजबूत हैं , बहुत सारे क्षेत्रीय दल ऐसे भी हैं जो सत्ता में हैं. इसलिए कांग्रेस को बीजेपी से लड़ने के लिए क्षेत्रीय दलों की मदद करनी चाहिए.’
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