उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने सोमवार को कहा कि राज्य में किसी भी गोवंशीय पशु को बेसहारा नहीं रहने दिया जाएगा और सरकार उनके पालन-पोषण की पूरी जिम्मेदारी निभाएगी.
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राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने यह बताया कि मुख्यमंत्री ने एक उच्च स्तरीय बैठक में निराश्रित गोवंश और पशुओं के आश्रय स्थलों के प्रबंधन की समीक्षा के दौरान यह बात कही.
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रदेश के सभी ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में कोई भी गोवंश निराश्रित न हो.’
आदित्यनाथ ने कहा कि संभल, मथुरा, मिर्जापुर, शाहजहांपुर, संतकबीरनगर, अमरोहा, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद और फर्रुखाबाद में सबसे ज्यादा संख्या में इन पशुओं को संरक्षित किया गया है.
उन्होंने कहा कि चरणबद्ध रूप से सभी जिलों में इसी तरह निराश्रित गोवंशीय जानवरों का बेहतर प्रबंधन किया जाए.
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उन्होंने कहा कि जनभावनाओं का सम्मान करते हुए राज्य सरकार ने निराश्रित गोवंशीय पशुओं के चारे-भूसे के लिए भी जरूरी इंतजाम किये हैं। इस वक्त प्रदेश में संचालित 6719 निराश्रित गोवंश संरक्षण स्थलों में 11 लाख 33 हजार से अधिक गोवंशीय जानवर रखे गए हैं.
उन्होंने कहा कि इसके अलावा इसी साल 20 जनवरी से 31 मार्च तक संचालित विशेष अभियान के तहत 1.23 लाख ऐसे पशु संरक्षित किए गए हैं.
मुख्यमंत्री ने सभी निराश्रित गोवंश स्थलों को चारा-भूसा और अन्य चीजों पर खर्च के लिए दी जाने वाली धनराशि सीधे गो-आश्रय स्थलों को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए और कहा कि गोवंशीय पशुओं के लिए दी गई धनराशि का सही इस्तेमाल सुनिश्चित किया जाए.
उन्होंने कहा कि गोवंशीय पशुओं की सेवा कर रहे सभी परिवारों को 900 रुपए प्रतिमाह प्रति पशु की राशि हर महीने सीधे उनके बैंक खाते में भेजी जाए. अंत्येष्टि स्थल/श्मशान घाट पर उपयोग की जाने वाली कुल जलावन में 50% उपलों का इस्तेमाल किया जाए और ये उपले निराश्रित गोवंश स्थलों से ही लिए जाएंगे.
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