उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के आखिरी और सातवें चरण के मतदान से पहले 5 मार्च को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सांसद रीता बहुगुणा जोशी के बेटे मयंक जोशी ने समाजवादी पार्टी (एसपी) का दामन थाम लिया.
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एसपी में शामिल होने के बाद मयंक जोशी ने कहा कि बीजेपी के परिवारवाद का मानक छलावा है.
यूपी तक से खास बातचीत में मयंक ने कहा, “परिवारवाद का मानक बीजेपी ने क्या तय किया है? मैं आज तक उसे ढूंढ रहा हूं. आखिर किस आधार पर राजनाथ सिंह के बेटे को टिकट मिल सकता है, फागू चौहान के बेटे को टिकट मिल सकता है, लेकिन रीता बहुगुणा जोशी के बेटे को टिकट नहीं मिल सकता है.”
मयंक जोशी ने कहा,
“मैंने 13 साल इस पार्टी (बीजेपी) में लगाए हैं, लेकिन पार्टी ने कुछ नहीं दिया. अच्छा हुआ पार्टी ने नहीं दिया, अब मैं संतुष्ट हूं और मुझे लगता है कि समाजवादी पार्टी में युवाओं का भविष्य है और वह पार्टी सबसे प्रोग्रेसिव पार्टी है, इसलिए मैं समाजवादी पार्टी में आकर खुश हूं.”
मयंक जोशी
उन्होंने कहा, “मेरी मां ने लगभग अब राजनीति से संन्यास ले ही लिया है क्योंकि वह 73 साल की हो चुकी हैं. वह कह भी चुकी हैं कि अगला चुनाव नहीं लड़ेंगी…किताबे लिखेंगी, संस्मरण लिखेंगी. हालांकि वह बीजेपी में हैं. ऐसा हो सकता है कि एक ही परिवार के लोग अलग-अलग पार्टी में हों.”
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