खतौली उपचुनाव से पहले हाइकोर्ट का बड़ा फैसला, बीजेपी विधायक विक्रम सैनी की सजा सस्‍पेंड की

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इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 2013 में हुये मुजफ्फरनगर दंगा मामले में भाजपा विधायक विक्रम सैनी को निचली अदालत द्वारा सुनाई गई सजा निलंबित कर दी है. साथ ही अदालत ने इसी मामले में सैनी को जमानत भी दे दी है. बृहस्पतिवार को विक्रम सैनी द्वारा दायर आपराधिक अपील पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति समित गोपाल ने कहा, “जमानत/सजा के लिए प्रार्थना स्वीकार की जाती है.” अदालत सैनी के दोषसिद्ध के निलंबन के लिए उसकी अपील पर सोमवार को सुनवाई करेगी.

मुजफ्फरनगर की एमपी/एमएलए अदालत के विशेष न्यायाधीश ने 2013 मुजफ्फरनगर दंगा से जुड़े एक मामले में 10 अक्टूबर, 2022 को खतौली से विधायक सैनी और 10 अन्य लोगों को दो साल के कारावास की सजा सुनाई थी.

इसके एक महीने बाद उत्तर प्रदेश विधानसभा ने सैनी को विधायक के तौर पर अपात्र कर दिया था और उनकी सीट रिक्त घोषित कर दी थी जिसके लिए पांच दिसंबर को उप चुनाव होने जा रहा है. सैनी ने अपनी दोषसिद्धि और सजा को उच्च न्यायालय में चुनौती दी है.सैनी के अधिवक्ता ने दलील दी कि उनके मुवक्किल के खिलाफ कोई विश्वसनीय साक्ष्य नहीं है और ना ही जनता की ओर से कोई गवाह है. इसके अलावा, यहां किसी के घायल होने की भी बात नहीं है.

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मौजूदा मामले में उच्च न्यायालय ने संबद्ध अदालत की संतुष्टि के अनुरूप एक निजी बांड और दो जमानतदार के साथ सैनी को जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया.

उल्लेखनीय है कि मुजफ्फरनगर में एमपी एमएलए अदालत द्वारा सैनी को दोषी करार दिए जाने और सजा सुनाए जाने के करीब एक महीने बाद उत्तर प्रदेश विधानसभा ने 13 नवंबर, 2022 को उन्हें विधायक के तौर पर अपात्र कर दिया और उनके विधानसभा क्षेत्र खतौली को रिक्त घोषित कर दिया जहां पांच दिसंबर को उप चुनाव होने जा रहा है.

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