UP के स्कूलों में चंद्रयान लैंडिंग दिखाने के आदेश पर शिक्षक संघ बोला – TV, प्रोजेक्टर…कहां हैं?

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Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों से चंद्रमा पर चंद्रयान-3 की लैंडिंग का सीधा प्रसारण दिखाने के लिए स्कूलों को दिशा निर्देश दिए हैं. मगर उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक महासंघ के अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा और संयोजक सुरेश कुमार त्रिपाठी ने महानिदेशक स्कूल शिक्षा और माध्यमिक शिक्षा निदेशक को पत्र लिख नाराजगी जताई है. पत्र में कहा गया है कि स्कूलों के पास इस कार्यक्रम के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं है.

शिक्षक संघ के पत्र की ये हैं मुख्य बातें

  • शिक्षक संघ ने शाम तक स्कूल खोले जाने पर नाराजगी जताई है.
  • पत्र में कहा गया है कि स्कूलों में टेलीविजन, डिश, प्रोजेक्टर, स्मार्टफोन की व्यवस्था नहीं है, जिसके कारण सीधा प्रसारण दिखाया जाना सम्भव नहीं है.
  • सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक बच्चों को स्कूल में रोकना भी संभव नहीं है.
  • छुट्टी में स्कूल को खोलना न्यायोचित नहीं है.

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के महत्वाकांक्षी तीसरे चंद्र मिशन के तहत चंद्रयान-3 का लैंडर मॉड्यूल (एलएम) बुधवार शाम को चंद्रमा की सतह पर उतरने को तैयार है. ऐसा होने पर भारत पृथ्वी के एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बनकर इतिहास रच देगा.

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\लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) से युक्त लैंडर मॉड्यूल के बुधवार को शाम छह बजकर चार मिनट पर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र के निकट सॉफ्ट लैंडिंग करने की उम्मीद है. यदि चंद्रयान-3 मिशन चंद्रमा पर उतरने और चार साल में इसरो की दूसरी कोशिश में एक रोबोटिक चंद्र रोवर को उतारने में सफल रहता है तो भारत अमेरिका, चीन और पूर्व सोवियत संघ के बाद चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा.

चंद्रमा की सतह पर अमेरिका, पूर्व सोवियत संघ और चीन ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कर चुके हैं, लेकिन उनकी ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र पर नहीं हुई है.

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