यूपी : सरकारी स्कूलों में डिजिटल अटेंडेंस को लेकर घमासान! शिक्षक क्यों कर रहे हैं विरोध और क्या है उनकी मांग,पढ़ें ग्राउंड रिपोर्ट

उदय गुप्ता

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Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में आज यानी 8 जुलाई से छात्रों के साथ-साथ अध्यापकों का डिजिटल अटेंडेंस की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश जारी हुआ था. लेकिन तकरीबन पूरे उत्तर प्रदेश में यह प्रक्रिया आज से शुरू नहीं हो पाई है, क्योंकि डिजिटल अटेंडेंस के विरोध में शिक्षकों के तमाम संगठन सामने आ गए हैं. शिक्षकों का कहना है कि सरकार का यह आदेश और अव्यावहारिक है. सरकार के इस आदेश के विरोध में आज उत्तर प्रदेश के कई जिलों में अध्यापकों ने काली पट्टी बांधकर पठन-पाठन का कार्य किया. इसके साथ ही तमाम शिक्षक संगठनो से जुड़े अध्यापक आज दोपहर बाद जिला मुख्यालयों पर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन भी सौंपेंगे.

आइए जानते हैं, डिजिटल अटेंडेंस को लेकर उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में क्या हाल है और शिक्षक क्यों कर रहे हैं इसका विरोध. 

  • सहारनपुर 

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आज से सभी प्राइमरी स्कूलों में नये नियम के तहत आज से सभी शिक्षकों को डिजिटल अटेंडेंस लगानी थी.सभी स्कूलों में डिजिटल अटेंडेंस लेने के आदेश दिए गए थे और कहा गया था कि आदेश का पालन न करने पर कार्यवाही की जाएगी. लेकिन सहारनपुर में स्कूलों के अध्यापक डिजिटल अटेंडेंस का विरोध कर रहे हैं और आज काली पट्टी बांधकर पठन-पाठन का कार्य कर रहे हैं.इस संदर्भ में  सहारनपुर में आजतक की टीम द्वारा 7-8 प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों से बात की गई.अध्यापको कहना है कि हम लोग डिजिटल अटेंडेंस का काली पट्टी बांध कर विरोध कर रहे हैं.हम यहां पर डिजिटल अटेंडेंस शुरू नहीं करेंगे.

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वहीं सहारनपुर की ज़िला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) कुमारी कोमल का कहना है कि उनके द्वारा सभी खंड शिक्षा अधिकारी को लैटर जारी कर दिया गया है कि वह अपने अपने क्षेत्र में यह देखें कि कौन कौन टीचर डिजिटल अटैंडेंस दे रहे हैं और कौन कौन नहीं दे रहे हैं.बीएसए का कहना है कि जो टीचर डिजिटल अटैंडेंस नहीं दे रहे हैं उन सभी को नोटिस जारी किया जाएगा.

  • प्रयागराज

  
प्रयागराज में भी प्राथमिक विद्यालयों में शुरू हुई डिजिटल अटेंडेंस को लेकर विरोध भी हो रहा है.कई टीचर सामने तो आए लेकिन सीधे तौर पर उन्होंने किसी बातको बोलने से इंकार कर दिया है.उन्होंने कहा है कि हम शिक्षक संघ के साथ हैं और हम लोग डिजिटल अटेंडेंस के खिलाफ है.वही कैमरे के सामने बोलने कतराते भी नजर आए. वहीं दूसरी तरफ कुछ प्राथमिक विद्यालयों के अध्यापको नें बताया कि  डिजिटल अटेंडेंस को लेकर दिक्कते आ रही हैं. प्रयागराज के नीवा प्राथमिक विद्यालय के सुरेश चंद्र प्रधान अध्यापक के मुतबिक वह समय पर तो आ गया.लेकिन मैं प्रयास किया डिजिटल अटेंडेंस में लगा दूं.लेकिन नेटवर्क ना होने के कारण मैं अपनी अटेंडेंस नहीं लगा सका.इसके अलावा जो हमारे दूसरे स्कूल के टीचर भी अपनी अटेंडेंस डिजिटल तरीके नही लगा सके.

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  • अलीगढ़


माध्यमिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में आज से ऑनलाइन अटेंडेंस लगाने की प्रक्रिया को शुरू कर दिया है. लेकिन अलीगढ़ में ऑनलाइन अटेंडेंस के विरोध में माध्यमिक शिक्षा परिषद के कर्मचारी खुलकर सामने आ गए हैं. उनका तर्क ये है कि अधिकतर विद्यालयों में अभी तक टैबलेट, मोबाइल व सिमकार्ड पहुँचे ही नहीं हैं तो कैसे ऑनलाइन अटेंडेंट की प्रक्रिया को पूर्ण कर पाएंगे.उन्होंने बताया कि पिछले काफी समय से 18 सूत्रीय मांगे लंबित चली आ रही है. सरकार को पहले हमारी मांगों के सम्बंध में विचार विमर्श कर उन्हें पूरा करना चाहिए. उसके बाद हम लोग ऑनलाइन हाजिरी लगाएंगे.शिक्षक व उत्तर प्रदेश जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ के ज़िला महामंत्री इंद्रजीत सिंह ने कहा प्राइमरी स्कूलों में टेबलेट मोबाइल सिम पहुंच रही हैं. लेकिन जूनियर हाई स्कूलों में सिम टेबलेट आदि चीज़ें अभी तक नहीं पहुंचाई जा रही हैं.इस निर्णय का हम दिल से सम्मान व स्वागत करते हैं. लेकिन इस व्यवस्था से बिना संसाधनों के इस तरह कैसे लागू किया जा सकता है.

  • गोण्डा

गोण्डा  में आज से बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में शुरू होने वाले शिक्षको की डिजिटल अटेंडेंस नही हुई. अपनी मांगों को लेकर शिक्षक इस डिजिटल अटेंडेंस का विरोध कर रहे है राष्ट्रीय शिक्षक महासंघ के विरजेंद्र मिश्रा की माने तो उनका कहना है कि हमारी मांगे जब तक नही मानी जायेगी हम इसका विरोध करेंगे. जबकि बीएसए अतुल कुमार तिवारी ने कहा कि की जिले में डिजिटल अटेंडेंस न करने वाले शिक्षको के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी.

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  • झांसी

 

प्राइमरी स्कूलों में शुरु हुई डिजिटल अटेंडेस का झांसी में भी विरोध किया गया.प्राईमरी स्कूलों के अध्यापकों ने हांथों में काली पट्टी बांध कर अपना विरोध प्रदर्शन किया.उनका कहना है कि वह सरकार की  नीतियों का विरोध नहीं कर रहे हैं.पहले उनकी समस्याओं को दूर तो किया जाए.वह समय ही ही स्कूल जाते हैं. झांसी जनपद के क्पोजिट विद्यालय नई पाली डेली की महिला अध्यापक  वंदना यादव, कल्पना, संगीता कहना है कि हमारे यहां डिजिटल अटेंडेस शुरु नहीं हुआ है. हम इसका विरोध करते हैं.पहले हमारी मांगों को पूरा किया जाए.सारे कार्य हम लोग ही करते हैं जितना दिया जाता है.इसके अलावा हम लोगों की जो मांग है वह 15 हॉफ् सीएल, 15 सीएल और 30 ईएल दी जाए.जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होगी हम इसका यूं ही विरोध करते रहेंगे। वह स्कूल आयेंगे बच्चों को पढाएंगे लेकिन उनका डिजिटल अटेंडेस का विरोध चलता रहेगा.

  • चंदौली 

  
पूर्वी उत्तर प्रदेश के चंदौली में भी आज परिषदीय विद्यालयों में डिजिटल अटेंडेंस की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई. जब इसका रियलिटी चेक करने के लिए हम कंपोजिट विद्यालय दुल्हीपुर पहुंचे तो यहां पर जानकारी मिली कि पहले यह बताया गया था कि 15 जुलाई से डिजिटल अटेंडेंस की शुरुआत होगी.लेकिन आनन फानन में शनिवार को बताया गया कि डिजिटल अटेंडेंस की कार्रवाई 8 जुलाई से ही शुरू कर देनी है. कंपोजिट विद्यालय की प्रभारी प्रधानाध्यपी का शशि ने बताया कि उन लोगों को डिजिटल अटेंडेंस के लिए टैबलेट तो उपलब्ध करा दिया गया है.लेकिन सिम कार्ड अभी नहीं मिला है. 

   उधर चंदौली में भी शिक्षक संगठन इस डिजिटल अटेंडेंस प्रणाली का विरोध कर रहे हैं.चंदौली शिक्षक संगठन के संयुक्त मोर्चा की जिला संयोजक सुनीता तिवारी ने बताया कि  पहले कहा गया था कि 15 जुलाई से डिजिटल अटेंडेंट की प्रक्रिया शुरू होगी. लेकिन दो दिन पहले बताया गया कि अब यह प्रक्रिया एक हफ्ते पहले 8 जुलाई से ही शुरू करनी है. हम लोग इस प्रक्रिया का विरोध कर रहे हैं.उन्होंने कहा कि अन्य किसी विभाग में ऐसी व्यवस्था नहीं है लेकिन यह केवल शिक्षा विभाग में ही लागू किया जा रहा है जो बिल्कुल ही अव्यावहारिक है. बहुत से ऐसे शिक्षक है जो दूर दराज के स्कूलों में पठन-पाठन का कार्य करते हैं और खराब रास्तों की वजह से अगर हम 10 मिनट भी लेट हो जाते हैं तो हमारी एक दिन की सैलरी कट जाएगी. ऐसे में सरकार से हमारी मांग है कि इस नियम को तत्काल प्रभाव से समाप्त किया जाए. उन्होंने बताया कि विभाग में अध्यापकों की उपस्थिति की मॉनिटरिंग को लेकर पहले से ही नियम बनाए गए हैं और मॉनिटरिंग की जाती है.

  • देवरिया

    

उत्तर प्रदेश के प्राइमरी विद्यालयों 8 जून से शुरु हो रही डिजिटल अटेंडेंस को लेकर देवरिया के शिक्षकों ने विरोध जताया है.पूर्व माध्यमिक विद्यालय मझवलिया नम्बर 3 लार में तो शिक्षकों ने काली पट्टी बांधकर स्कूल पहुचे.वह डिजिटल अटेंडेंस के खिलाफ में खड़े है जब हमने आधा दर्जन विद्यालयों के बारे में जानकारी की तो पता चला कि कई जगह टेबलेट पहुंच गया है, तो कई जगहों पर अभी टेबलेट नहीं पहुंचा है.लेकिन जहां पर टेबलेट पहुंचा है वहा पर भी डिजिटल हाजिरी नही लगाई जा रही है. अध्यापकों का कहना है कि शासन द्वारा जो यह व्यवस्था दी जा रही है यह कहीं से भी व्यवहारिकता में नहीं है और सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि कोई अध्यापक बीस किलोमीटर दूरी तो कोई तीस किलोमीटर दूरी तय करके विद्यालय पहुंचता है. वह भी दुर्गम रास्तों से होते हुए.क्योंकि यह विद्यालय ग्रामीण सुदूर क्षेत्रों में होते है इसलिए कभी-कभार देरी होने की संभावना निश्चित ही है.इसके अलावा नेटवर्क का सबसे बड़ा इशू है.नेटवर्क नहीं लगने पर डिजिटल अटेंडेंस नही लग पायेगा. 

  • हरदोई

    

बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों की ऑनलाइन उपस्थिति पर शिक्षा विभाग और शिक्षक खुलकर आमने-सामने आ गए हैं. विभाग की ओर से सोमवार को ऑनलाइन उपस्थिति को अनिवार्य किया गया है.लेकिन इसके विरोध में अलग अलग शिक्षक संघ उतर पड़े हैं और ऑनलाइन उपस्थिति का विरोध कर रहे हैं. जिसकी वजह से हरदोई जिले में आज गिनती के कुछ शिक्षकों ने विभाग के निर्देश के मुताबिक ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज कराई है. जबकि बाकी शिक्षकों ने स्कूल में काली पट्टी बांधकर विरोध किया और आनलाईन उपस्थिति नही दी है. फिलहॉल बेसिक शिक्षा विभाग आनलाईन उपस्थित रहने वाले शिक्षकों का ब्यौरा एकत्र कर रहा है.

जानिए अध्यापकों की क्या है मांग


  वाराणसी के प्राथमिक विद्यालयों में भी अध्यापक डिजिटल अटेंडेंस का विरोध करते दिखाई दिए.उत्तर प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में आज से शुरू हुई ऑनलाइन उपस्थिति का विरोध पहले दिन ही देखने को मिल गया. क्योंकि वाराणसी में 1128 परिषदीय स्कूलों में तैनात 7800 शिक्षकों में से किसी ने भी ऑनलाइन हाजिरी नहीं लगाई. राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश के जनपद-वाराणसी के जिलाध्यक्ष शशांक शेखर पाण्डेय ने बताया कि, वे सभी शिक्षक इस डिजिटल ऑनलाइन अटेंडेंस का विरोध कर रहे हैं.उन्होंने आगे बताया कि डिजिटाइजेशन/ऑनलाइन उपस्थिति (फेस रिकग्निशन) लागू किए जाने से पूर्व उक्त डिजिटाइजेशन व्यवस्था से जुड़ी अधोलिखित समस्याओं का समाधान किये जाने की मांग करता है:-

 

  • अन्य विभागों की भांति आकस्मिक अवकाश की श्रेणी में बेसिक शिक्षा के शिक्षकों को भी  'हाफ डे लीव अवकाश' का विकल्प  प्रदान किया जाये. जिससे आकस्मिता की स्थिति में शिक्षक हाफ डे लीव अवकाश का उपभोग कर सकें.
  • बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों को भी राज्य कर्मचारियों की भांति 30 ईo एलo प्रदान किया जाये यदि ईo एलo प्रदान करने में कोई विधिक समस्या है तो महाविद्यालयों के शिक्षकों की भांति बेसिक शिक्षा विभाग में भी प्रिविलेज अवकाश (P.L.) प्रदान किया जाये. 
  • अन्य विभागों की भांति बेसिक शिक्षा विभाग में भी अवकाश के दिनों में कार्य करने पर देय 'प्रतिकर अवकाश' का विकल्प मानव सम्पदा पोर्टल पर प्रदान किया जाए.
  • प्राकृतिक आपदा/स्थानीय स्तर पर मौसम की प्रतिकूलता तथा जनपद स्तरीय विभागीय कार्यक्रमों में प्रतिभागिता की स्थिति में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को ऑनलाइन उपस्थिति में शिथिलता प्रदान करने विकल्प प्रदान किया जाये.
  • पंजिकाओं का डिजिटाइजेशन सर्वर की उपलब्धता के अधीन है, एक ही समय मे अधिक लोड से सर्वर क्रैश होने पर वैकल्पिक व्यवस्था का स्पष्ट दिशा निर्देश जारी किया जाए.
  • डिजिटाइजेशन की वर्तमान ऑनलाइन उपस्थिति व्यवस्था भेदभाव पूर्णं,असुरक्षा की भावना व शोषणकारी होने से शिक्षक की सृजनात्मक क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा तथा शिक्षण कार्य भी प्रभावित होगा। अतः बेसिक शिक्षा में ऑनलाइन उपस्थिति की व्यवस्था अन्य विभागों की भांति ही लागू की जाए.

स्टोरी इनपुट - अनिल भारद्वाज

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