गोला उपचुनाव: भाजपा और सपा के बीच लड़ाई में कौन मारेगा बाजी? जानिए सियासी समीकरण

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Gola Gokarnnath Assembly BYpoll: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले की गोला गोकर्णनाथ विधानसभा सीट पर उपचुनाव गुरुवार को होगा. सीट छह सितंबर को बीजेपी विधायक अरविंद गिरि के निधन के बाद खाली हुई थी. बसपा और कांग्रेस के इस उपचुनाव से दूरी बनाने के बाद गोला गोकर्णनाथ में मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के बीच होता नजर आ रहा है.

गुरुवार को होने वाले उपचुनाव में तीन लाख 90 हजार से ज्यादा मतदाता कुल सात प्रत्याशियों के चुनावी भाग्य का फैसला करेंगे. बीजेपी ने अरविंद गिरि के बेटे अमन गिरि को मैदान में उतारा है, जबकि सपा के उम्मीदवार पूर्व विधायक विनय तिवारी हैं.

सपा और भाजपा के बीच हो रहे इस उपचुनाव के जंग को सत्तारूढ़ पार्टी ने हल्के में नहीं लिया है. भाजपा ने उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्रियों और पार्टी पदाधिकारियों सहित 40 स्टार प्रचारकों को प्रचार में लगाया. सोमवार को चुनाव प्रचार के अंतिम दिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी प्रचार करने पहुंचे थे. जहां सीएम योगी ने गन्ना किसानों को उनका बकाया मूल्य जल्द से जल्द दिलाने, काशी विश्वनाथ की तर्ज पर क्षेत्र में छोटी काशी कॉरीडोर विकसित करने और मेडिकल कॉलेज बनाने का आश्वासन भी दिया.

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बता दें कि गोला गोकर्णनाथ विधानसभा क्षेत्र केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ के संसदीय क्षेत्र खीरी में आता है. मिश्रा पिछले साल अक्टूबर में निघासन क्षेत्र के तिकोनिया क्षेत्र में हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत के बाद विवादों से घिर गए थे.

बता दें कि छोटी काशी कहे जाने वाले गोला गोकरननाथ में 4 लाख के करीब मतदाता हैं. गोला गोकर्णनाथ विधानसभा क्षेत्र में 4 लाख से ज्यादा वोटर विधानसभा में हैं. इनमें 50 फीसदी से ज्यादा मुस्लिम और कुर्मी हैं. इस सीट पर दलितों के अलावा कुर्मी और ब्राह्मण मतदाताओं का भी प्रभाव है. इसके अलावा मुस्लिम वोटर भी अहम भूमिका अदा करते हैं. पहले इसे हैदराबाद के नाम से जाना जाता था. 2012 में गोला गोकर्णनाथ निर्वाचन क्षेत्र में पहले विधानसभा चुनाव के दौरान सपा उम्मीदवार विनय तिवारी ने इस निर्वाचन क्षेत्र का पहला विधायक बनने का गौरव हासिल किया था.वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान अरविंद गिरि भाजपा में शामिल हो गए और उसके बाद लगातार दो विधानसभा के चुनावों में भी जीत हासिल की. उसके निधन के बाद ये सीट खाली हो गई थी.

भाषा इनपुट के साथ

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