निठारी कांड: अभियुक्त सुरेंद्र कोली को गाजियाबाद की सीबीआई कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा

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नोएडा के बहुचर्चित निठारी कांड में युवती का अपहरण कर दुष्कर्म के बाद हत्या करके शव छुपाने वाले अभियुक्त सुरेंद्र कोली को विशेष सीबीआई कोर्ट ने लम्बी सुनवाई के बाद दोषी करार दिया है. जबकि मोनिंदर सिंह पंधेर को इमोरल ट्रैफिक एक्ट की धारा में दोषी करार दिया है और सजा सुनाई गई है.

बचाव पक्ष मोनिंदर सिंह पंधेर के अधिवक्ता देवराज सिंह ने बताया कि निठारी कांड के 16वें मामले में सीबीआई की विशेष कोर्ट के न्यायाधीश राकेश कुमार त्रिपाठी की कोर्ट ने अभियुक्त सुरेंद्र कोली को अपहरण, दुष्कर्म, हत्या और साक्ष्य छिपाने की धारा में दोषी करार दिया था. मोनिंदर सिंह पंधेर को इमोरल ट्रैफिक एक्ट की धारा 3/5में दोषी करार दिया था.

आरोप है कि 7 मई 2006 को निठारी में रहने वाली एक युवती को पंधेर ने नौकरी दिलाने के बहाने बुलाया था. इसके बाद युवती वापस घर नहीं लौटी. युवती के पिता ने नोएडा के सेक्टर-20 थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई थी. 29 दिसंबर 2006 को निठारी में मोनिंदर सिंह पंधेर की कोठी के पीछे नाले में पुलिस को 19 बच्चों और महिलाओं के कंकाल मिले थे.

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जिसके बाद पुलिस ने मोनिंदर सिंह पंधेर और उसके नौकर सुरेंद्र कोली को गिरफ्तार किया था. बाद में निठारी कांड से संबंधित सभी मामले सीबीआई को स्थानांतरित कर दिए गए थे. युवती के अपहरण, दुष्कर्म व हत्या के मामले में सीबीआई ने सुरेंद्र कोली और मोनिंदर सिंह पंधेर के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी.

पहले 13 मामलों में फांसी की सजा हो चुकी है और आज बड़ी पायल के मामले मे भी फांसी की सजा सुनाई है. अब तक निठारी मामले में अभी सुरेंद्र कोली को 14 मामलों में फांसी की सजा हो चुकी है.

निठारी कांड में सीबीआई ने कुल 16 मामले दर्ज किए थे. सभी मामलों में आरोप पत्र पूर्व में ही पेश किए जा चुके हैं. 13 मामलों में पूर्व में सुरेंद्र कोली को फांसी की सजा हो चुकी है. निठारी कांड के दो मामले में कोर्ट कोली को साक्ष्य के अभाव में बरी कर चुकी है. निठारी कांड के बड़ी पायल के एक मामले में 19 मई को सजा पर सुनाई हुई.

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मोनिंदर सिंह पंधेर के खिलाफ सीबीआई ने 6 मामले दर्ज किए थे. जिनमें से दो मामलों में पधेर को कोर्ट ने बरी कर दिया था. तीन मामलों में कोर्ट ने पंधेर को फांसी की सजा‌ सुनाई थी. एक मामले में पंधेर को हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद बरी कर दिया था. दो मामले हाईकोर्ट में विचाराधीन हैं.

गाजियाबाद सीबीआई कोर्ट ने‌ मोनिंदर सिंह पंधेर इमोरल एक्ट की थारा 3 मे 2 वर्ष की सजा और धारा 5 मे 7 वर्ष की सजा सुनाई है. सुरेन्द्र कोली को सीबीआई कोर्ट ने धारा 376 में उम्रकैद की सजा और 364 में उम्रकैद 302 में मृत्यु दंड, धारा 201 में 7 साल की सजा सुनाई है.

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