झांसी टूरिज्म: इन जगहों पर होगा इतिहास से साक्षात्कार, यहां घूमने का बेस्ट टाइम जानिए

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झांसी एक ऐतिहासिक शहर है. वह शहर, जिसका जिक्र होते ही याद आती हैं झांसी की रानी और 1857 के स्वाधीनता संग्राम की रौंगटे खड़ी कर देने वाली कहानी. वह कहानी, जिसने आजाद भारत की नींव रखी. वह कहानी, जिसने देश में ब्रितानिया हुकूमत की चूलें हिला दीं. बुंदेलखंड का प्रवेश द्वारा माना जाने वाला यह शहर खुद में अद्भुत इतिहास संजोए हुए है, जिसे हर ट्रैवलर एक बार अपनी आंखों से जरूर देखना चाहेगा. अगर आप घूमने के शौकीन हैं और आपकी आंखें इतिहास और संस्कृति की अद्भुत कहानियों को खोज रही हैं, तो झांसी आपके लिए परफेक्ट डेस्टिनेशन है. इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे झांसी की खासियत, यहां जाने का बेस्ट टाइम, यहां पहुंचने के तमाम साधन और यहां घूमने की बेस्ट जगहों के बारे में. 

झांसी का संक्षिप्त इतिहास – Brief history of Jhansi

पहुंज और बेतवा नदियों के बीच बसा झांसी शहर वीरता और स्वाभिमान का प्रतीक है. प्राचीन काल में यह चेदि राष्ट्र, जेजक भुकिट, झझोती और बुंदेलखंड क्षेत्र में शामिल था. झांसी चंदेल राजाओं के अधीन रही. 17वीं शताब्दी में ओरछा के राजा वीर सिंह जू देव बुन्देला ने इसका पुनरुद्धार कराया. 

कैसे पड़ा झांसी नाम और कब बना झांसी का मशहूर किला

झांसी का जिक्र होते ही रानी लक्ष्मीबाई और उनके मशहूर किले की कहानी खोजी जाने लगती है. झांसी का किला 1613 में राजा वीर सिहं जू देव बुन्देला ने ही बनवाया था. झांसी का नाम झांसी पड़ने की भी एक रोचक कहानी है. वीकिपीडिया पर मौजूद लेख के मुताबिक एक बार वीर सिंह जू बुन्देला अपने नगर (झांसी) को देख रहे थे. उन्हें अपना नगर झाइसी (धुंधला) दिख रहा था, तो उन्होंने अपने मंत्री से पूछा कि झाइसी क्यों दिख रही है. मंत्री ने कहा कि महाराज ये आपका नया शहर है. कहते हैं कि तभी से इसका नाम झाइसी हो गया, जो कालांतर में झांसी नाम से जाना गया. 

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झांसी घूमने का सबसे अच्छा समय क्या है?

वैसे तो घूमने के शौकीन लोगों के लिए हर समय ही अच्छा होता है, लेकिन झांसी का पूरा लुत्फ उठाना है, तो आपको अपनी ट्रिप प्लान करनी चाहिए. इस प्लानिंग में सबसे अहम कड़ी यह है कि आप झांसी ऐसे वक्त में घूमने जाएं जब मौसम सुहावना हो. अब आपका सवाल होगा कि आखिर वो वक्त कौन सा हो? 

ये है झांसी जाने का आइडियल सीजन (Ideal Seasons for Jhansi Exploration)

अक्टूबर से फरवरी, ठंड में लें झांसी का आनंद: अक्टूबर से ठंड की शुरुआत मानी जाती है और दिसंबर से फरवरी के दौरान ठंड अपने शबाब पर होती है. अगर आपको झांसी की ऐतिहासिकता का दीदार मन भर और अच्छे मौसम में करना है, तो यह टाइम बेस्ट माना जाता है. 

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जुलाई से सितंबर, मॉनसूनी फुहार के बीच झांसी: वैसे तो झांसी में मॉडरेट बारिश होती है. ऐसे में अगर आपको भीगने से एलर्जी नहीं है, तो इस मौसम में भी झांसी को एक्सप्लोर किया जा सकता है. 

झांसी घूमने के लिए कौन सा समय ठीक नहीं? Avoiding Extreme Conditions for Jhansi trip

अप्रैल से जून के बीच झांसी में झुलसाने वाली गर्मी पड़ती है. इस दौरान झांसी का किला जैसी आउटिंग करने में आपकी हालत खराब हो सकती है. गर्मी की वजह से आपका झांसी ट्रिप गड़बड़ हो सकता है. ऐसे में अगर संभव हो, तो गर्मी बीत जाने के बाद ही झांसी का ट्रिप प्लान करें. 

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झांसी कैसे पहुंचें? How to reach Jhansi?

अगर आप झांसी जाने के लिए मन बना चुके हैं, तो देश-दुनिया के किसी भी कोने से यहां पहुंचना बेहद आसान है. आप नीचे दिए गए तरीकों से झांसी पहुंच सकते हैं. 

एयर कनेक्टिविटी (Jhansi By Air): झांसी के नजदीकी हवाई अड्डे ग्वालियर और खजुराहो हैं. ग्वालियर झांसी से 103 किलोमीटर और खजुराहो  175 किलोमीटर की दूरी पर है. ऐसे में आप इन एयरपोर्ट्स पर पहुंचने के बाद आसानी से यहां से झांसी आ सकते हैं. 

ट्रेन कनेक्टिविटी (Jhansi By Train): झांसी रेलमार्ग से भी वेल कनेक्टेड है. यहां के स्टेशन का नाम वीरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन  (Code : VGLB) है. झांसी ट्रेन से पहुंचना काफी आसान है और यह देश के प्रमुख स्टेशनों से सीधी जुड़ी है. नीचे देखिए प्रमुख ट्रेनों की लिस्ट: 

  • Gatimaan Express
  • Punjab Mail
  • Dadar-Amritsar Express
  • Jhelum Express
  • Mahakaushal Express
  • Malwa Express
  • Kushinagar Express
  • Shatbadi Express
  • Karnataka Express
  • Tamil Nadu Express
  • GT Express
  • Mangla Express
  • Kerala Express
  • GOA Express

रोड कनेक्टिविटी (Jhansi By Road)

झांसी में सड़कों का नेटवर्क शानदार है. शहर से तीन मेन नेशनल हाइवे गुजरते हैं – NH 27, NH 39 और NH 44. यहां आप अपने साधन या सार्वजनिक परिवहन की मदद से सड़क के रास्ते आसानी से पहुंच सकते हैं. 

झांसी में घूमने लायक टॉप 5 जगहें- Top 5 Places to Visit in Jhansi

1- झांसी का किला: 17वीं सदी का यह किला झांसी का एक प्रमुख स्थान है. इसे बंगरा नाम एक चट्टानी पहाड़ी पर बनाया गया है. इस किले में 10 फाटक हैं. यहां आप कड़क  बिजली तोप  (टैंक), शिव मंदिर और गुलाम गॉस खान, मोती बाई और खुदा बख्श की “मजार” के अलावा रानी झांसी गार्डन भी देख सकते हैं. इस किले की मोटी ग्रेनाइट की दीवारें और बुर्ज कई लड़ाइयों की गवाह रही हैं.

2- रानी लक्ष्मी बाई का महल: कभी रानी लक्ष्मी बाई का निवास स्थान रहा यह महल अब एक संग्रहालय है. यहां के मेहराबदार कक्ष और खुले प्रांगण झांसी के शाही अतीत की कहानियां सुनाते हैं. यहां 9वीं और 12 वीं शताब्दी ईस्वी के बीच की अवधि की मूर्तियों का विशाल संग्रह भी मौजूद है. 

3- राजकीय संग्रहालय: एक ऐसी जगह जहां इतिहास प्रेमी घंटों तक खोए रह सकते हैं. इसमें चंदेल राजवंश की कलाकृतियां, मूर्तियां और हथियार हैं. 

4- महाराजा गंगाधर राव की छतरी: महाराजा गंगाधर राव के लिए बनाया गया यह स्मारक झांसी के किले के पास ही है. इसे महारानी लक्ष्मीबाई ने बनवाया था.

5- संत जूड चर्च: झांसी में विभिन्न संस्कृतियां हैं, जिसका प्रमाण है यह रोमन कैथोलिक संत जूड चर्च. ऐसा माना जाता है कि इसकी नींव में कैथोलिक ईसाई संत जूड की अस्थियां दफनाई गई हैं. 

निष्कर्ष: झांसी इतिहास, संस्कृति और परंपरा का एक जीवंत मिश्रण है. आप वैसे तो हर मौसम में झांसी टूर का लुत्फ उठा सकते हैं, लेकिन जाड़े में की गई यात्रा की स्मृतियां ज्यादा सुखद होंगी. तो देर किस बात की, झोला उठाएं और झांसी की ऐतिहासिकता का आनंद उठाने के लिए निकल पड़ें.

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