गोरखपुर नगर निकाय: मेयर सीट हुई समान्य, बढ़ी वॉर्डों की संख्या, सियासी दलों ने बनाई रणनीति

विनित पाण्डेय

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Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव (Nikay Chunav) करीब हैं. निकाय चुनावों को लेकर सियासी दलों ने अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी हैं. इसी बीच 17 शहरों के नगर निगम और निकाय चुनावों को लेकर आरक्षण सूची भी जारी हो गई है. गोरखपुर मेयर की सीट इस बार अनारक्षित सूची में रखी गई है. गोरखपुर सीट अनारक्षित होने से अब कोई भी उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतर सकता है.

इसी के साथ गोरखपुर के 11 नगर पंचायतों की भी आरक्षण सूची जारी हो गई है. आरक्षण सूची जारी होते ही भारतीय जनता पार्टी, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस के नेताओं ने टिकट की दावेदारी ठोकनी शुरू कर दी है.

भाजपा का रहा है कब्जा

आपको बता दें कि साल 2007 से गोरखपुर मेयर की सीट पर भारतीय जनता पार्टी का ही कब्जा रहा है. साल 2002 में गोरखपुर की जनता ने सभी पार्टियों को छोड़कर किन्नर उम्मीदवार अमरनाथ यादव उर्फ आशा देवी को महापौर बनाया था.

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वर्तमान में गोरखपुर के महापौर सीताराम जायसवाल हैं. सीताराम जायसवाल को पहले समाजवादी पार्टी की तरफ से चुनाव लड़ने पर हार का सामना करना पड़ा था. मगर फिर उन्होंने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया. इसके बाद साल 2017 निकाय चुनाव में वह महापौर चुने गए. साल 2017 चुनावों में उन्होंने समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार राहुल गुप्ता को 75972 वोटों से हराया था. चुनावों में सीताराम जायसवाल को 1,46,187 मत मिले थे.

इस बार बढ़े वॉर्ड

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आपको बता दें कि गोरखपुर नगर निगम में पहले 70 वॉर्ड हुआ करते थे. अब वॉर्डों की संख्या बढ़ाकर 80 कर दिया गया है. गोरखपुर नगर निगम में 10 वॉर्ड जुड़ गए हैं. मिली जानकारी के अनुसार, 80 वॉर्ड में से 46 सीटे रिजर्व हैं. 34 वॉर्ड सामान्य हैं.

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