सभी दुकानदार अपना नाम बाहर जरूर लिखें...कांवड़ यात्रा को लेकर मुजफ्फनगर पुलिस ने जारी किया ये फरमान

संदीप सैनी

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Muzaffarnagar News: मुजफ्फरनगर जिला प्रशासन द्वारा कावड़ यात्रा को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न करने के लिए एक नया आदेश भी जारी किया गया है. इसके चलते कावड़ यात्रा में खानपान की दुकानें (होटल, ढाबे और ठेले) जहां से भी कावड़िए खाने पीने की सामग्री खरीद सकते हो उन सभी को निर्देशित किया गया है कि वह अपनी-अपनी दुकानों पर प्रोपराइटर या फिर काम करने वाले के नाम को जरूर लिखें. इस बीच मुजफ्फरनगर जिले से कुछ तस्वीरें भी सामने आई हैं,  जिसमें ठेले वाले और दुकानदार अपनी दुकानों पर अपना नाम लिखकर सामान बेचते हुए नजर आ रहे हैं.


सावन मास का पावन पर्व 22 जुलाई से शुरू होने वाला है. ऐसे में कावड़ यात्रा भी शुरू हो जाएगी. इसे देखते हुए मुजफ्फरनगर जिला प्रशासन ने कावड़ यात्रा को शांति पूर्वक संपन्न कराने के उद्देश्य से एक नया आदेश जारी कर दिया है. आदेश के मुताबिक, इस बार कावड़ यात्रा के दौरान सभी खानपान की दुकानें (होटल, ढाबे या ठेले)जहां से भी  खाद्य सामग्री खरीद सकते हो उन सभी को निर्देशित किया गया है कि वह अपनी अपनी दुकानों पर प्रोपराइटर या फिर काम करने वाले के नाम को जरूर लिखें, जिससे कि कावड़ियों को किसी प्रकार का कोई कन्फ्यूजन ना हो जिससे की विवाद की स्थिति से बचा जा सके.  

आपको बता दें कि कावड़ मेले के दौरान कावड़िए हरिद्वार हर की पौड़ी से गंगाजल उठाकर मुजफ्फरनगर से होते हुए अपने-अपने गंतव्य की ओर प्रस्थान करते हैं. मुजफ्फरनगर जनपद से ही दिल्ली, हरियाणा ,राजस्थान और उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों का कावड़िया गुजरता है. इसलिए कावड़ यात्रा के मध्य नजर मुजफ्फरनगर जनपद एक मुख्य बिंदु कहलाता है.

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मुजफ्फरनगर एसएसपी ने क्या कहा

कावड़ मेले को लेकर मुजफ्फरनगर के एसएसपी अभिषेक सिंह का कहना है कि 'कावड़ की तैयारी शुरू हो गई है हमारे जनपद में लगभग 240 किलोमीटर का कावड़ मार्ग है तो इसमें जितनी भी खान-पान की दुकानें ( होटल,ढाबे या ठेले) हैं जहां से भी कावड़िया अपनी खाद्य सामग्री खरीद सकते हैं उन सब को यह निर्देशित किया गया है कि अपने प्रोपराइटर या काम करने वालों के नाम जरूर डिस्प्ले करें. यह इसलिए जरूरी है ताकि किसी प्रकार का कोई कंफ्यूजन किसी भी कावड़िया के अंदर ना रहे. साथ ही ऐसी स्थिति ना उत्पन्न हो जिससे कहीं कोई आरोप-प्रत्यारोप हो और बाद में कानून व्यवस्था की स्थिति खराब हो.'

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